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व्हाट्सएप की नयी पॉलिसी को मंजूरी नही,,तो कंपनी आठ फरवरी के बाद आपका व्हाट्सएप अकाउंट बंद

भारत में अभी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को कानून के रूप में लागू किया जाना बाकी है. बता दें कि व्हाट्सएप ने अपनी टर्म ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया है. कंपनी ने नयी प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने की तारीख आठ फरवरी तय की है. ऐसा भारत के विपरीत, यूरोप में जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन होने के कारण है. यूरोप में अपने लोगों की गोपनीयता और डेटा की सुरक्षा करनेवाला एक कड़ा कानून है. 

WhatsApp भारतीय और यूरोपीय यूजर्स के साथ दोहरा मानदंड अपना रहा है. इस सोशल मीडिया कंपनी ने प्राइवेसी और डेटा शेयरिंग से जुड़ी पॉलिसी यूरोप और भारत में अलग-अलग बना रखी है. यूरोप में WhatsApp की नीति निदेशक नियाम स्वीनी ने बताया कि नये अपडेट की वजह से यूरोप में WhatsApp की डेटा शेयरिंग प्रैक्टिसेज में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि WhatsApp यूरोपीय क्षेत्र के यूजर्स का डेटा अपने प्रोडक्ट व विज्ञापनों के बेहतर प्रदर्शन के लिए फेसबुक के साथ शेयर नहीं करता और यह स्थिति बनी हुई है. 

यूरोप : डेटा प्रोटेक्शन के हैं काफी सख्त नियम

भारी जुर्माने का प्रावधान, किसी भी प्रकार के डेटा के ट्रांसफर के लिए यूजर्स की सहमति जरूरी

कानून सुनिश्चित करता है कि सर्विस प्रोवाइडर सिर्फ वही सूचनाएं जुटायेंगे, जो सर्विस देने के लिए जरूरी हैं

कंपनी को यह बताना होता है कि सूचना का रिसीवर कौन है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जायेगा.

नयी पॉलिसी की मंजूरी के बाद WhatsApp

को फेसबुक व अन्य सहयोगी कंपनियों के साथ डेटा शेयर करने की इजाजत मिल जायेगी. वहीं, अगर आप व्हाट्सएप की नयी पॉलिसी को मंजूरी नही देते हैं, तो कंपनी आठ फरवरी के बाद आपका व्हाट्सएप अकाउंट बंद कर देगी. व्हाट्सएप की नयी पॉलिसी की चौतरफा आलोचना हो रही है.


भारत में व्हाट्सएप यूजर्स के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं, स्वीकारना होगा नयी प्राइवेसी पॉलिसी.

नयी पॉलिसी को मंजूरी नहीं देने पर कंपनी आठ फरवरी के बाद आपका अकाउंट बंद कर देगी.

प्राइवेसी पॉलिसी में यह भी प्रावधान है कि यूजर्स किसी भी तरह के मुआवजे का दावा नहीं कर सकते.

केंद्र कर रहा पॉलिसी की समीक्षा, WhatsApp को किया जा सकता है तलब

नयी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार जल्द ही व्हाट्सएप को पूछताछ के लिए बुला सकती है. केंद्र सरकार की इस पेशी में व्हाट्सएप को कुछ अहम सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं - जैसे कि डेटा प्राइवेसी को लेकर कंपनी ने भारत और यूरोपियन यूनियन के लिए अलग-अलग नियमों को क्यों लागू किया है? कॉन्फ्रेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भारत सरकार से व्हाट्सएप और फेसबुक को तत्काल तौर पर प्रतिबंधित करने की मांग की है.







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