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ब्लैक और वाइट के बाद आ गया है ग्रीन फंगस, यहां मिला देश का पहला मरीज

ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और यलो फंगस के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में अब ग्रीन फंगस का एक मरीज मिला है. 33 वर्षीय मरीज के फेफड़ों की जांच में देश में ग्रीन फंगस का यह पहला मामला सामने आया है. जांच में पुष्टि होने के बाद मरीज को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपूर्वा तिवारी ने बताया कि मरीजों के फेफड़ों की जांच में एक ग्रीन कलर का फंगस मिला. रंग के आधार पर इसे ग्रीन फंगस नाम दिया गया है. इससे पहले देश के कई हिस्सों में ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और यलो फंगस से संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं. ग्रीन फंगस का यह देस में पहला मामला है.

33 वर्षीय मरीज के कोरोना संक्रमित होने के बाद पोस्ट कोविड के लक्षण मिले थे. डेढ़ महीने पहले जब उसे पहली बार अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था, तब उसके दाएं फेफड़े में मवाद था. डॉक्टरों ने मवाद को निकाल दिया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ. उसका बुखार 103 डिग्री से कम नहीं हो रहा था. मंगलवार को उसे चार्टर्ड प्लेन से मुंबई भेजा गया.

इंदौर में कोरोना की दूसरी लहर अब भले ही कमजोर पड़ गई हो, लेकिन ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में ही ब्लैक फंगस के 308 मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी 200 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है. शहर में अब तक 44 मरीजों की मौत इसके चलते हो चुकी हैं.




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