कांकेर की रूबी खान फैला रही हैं सनातनी वेद पुराणों की प्रकाश....
एक महिला हैं जो हैं तो मुस्लिम, लेकिन वह कई हिंदू वेदों (Hindu Veda) की
ज्ञाता हैं. हिंदु धर्म में सबसे प्रचीन मानी जाने वाली भाषा जो विलुप्त
होने के कगार पर जा रही है उसी संस्कृत भाषा (Sanskrit language) को एक
मुस्लिम शिक्षिका जीवित रखे हैं. शीतला पारा में रहने वाली रूबी की
जिन्होंने एक मुस्लिम महिला होने के बाबजूद धर्म को जानने के लिए संस्कृत
भाषा में एमए किया और इसे आगे बढ़ाने के लिए एक निजी स्कूल में संस्कृत की
शिक्षिका बन बच्चों को बखूबी संस्कृत को पढ़ा रही हैं. रूबी कहती है कि कोई
भी धर्म ये नहीं सिखाता है कि किसी की निंदा करो.
रूबी बचपन से ही वेद-पुराणों को जानने की इच्छुक थीं और उन्होंने संस्कृत
से पढ़ाई की. उन्होंने आगे कहा कि सबसे बड़ा है इंसानियत का धर्म. आप किस
धर्म के हो, किस मजहब के हो, यह मायने नहीं रखता. उन्होंने यह भी कहा कि
सबसे पहले आप आपने धर्म को समझने की कोशिश करें, वेदों में सब कुछ दिया हुआ
है.
भारत के साहित्यिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक,
राजनीतिक और ऐतिहासिक जीवन की व्यवस्था भी संस्कृत भाषा में मिलती है. यह
ग्रीक, लैटिन, जर्मन आदि अनेक भाषाओं की जननी है. स्कूल के प्राचार्य कहते
हैं कि रूबी जब भी संस्कृत पढ़ाती हैं बिलकुल उसी में लीन हो जाती हैं. कोई
ये बता नहीं सकता कि रूबी मुस्लिम हैं. वहीं बच्चे भी रूबी की संस्कृत की
पढ़ाई से प्रभावित हैं.
रूबी की इस तरह संस्कृत की जानकारी होने की
खबर से मुस्लिम मजहब के लोग भी उनकी तारीफ़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कोई भी
मजहब किसी भाषा के अधीन नहीं हैं. कोई भी व्यक्ति कोई भी भाषा बोल सकते
हैं. हमारे देश में सभी धर्मों को समान महत्व दिया जाता है.