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गरीब मजदूर किसान सभी को साथ लेकर चलने वाले जन नेता है हमारे मुख्यमंत्री - डॉ रश्मि

खेतिहर मजदूरों को ₹6000 प्रति वर्ष देने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की घोषणा मजदूर तबके के लोगों की जीवन में खुशियां लेकर आएगी - डॉ रश्मि चंद्राकर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बहुत-बहुत धन्यवाद आज आप के वजह से खेतिहर मजदूरों को 6000 प्रति वर्ष के रूप में न्याय मिलेगा - डॉ रश्मि चंद्राकर

महासमुंद: महासमुंद जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की घोषणा का स्वागत किया और बताया कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने ऐलान किया है कि वह ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूरों के परिवारों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी. ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के तहत यह राशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. सरकार की इस योजना से लगभग 10 लाख से ज्यादा मजदूरों को फायदा मिलेगा.

जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके बताया कि “ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को प्रतिवर्ष 6000 रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी.”

राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के बाद भूपेश बघेल सरकार की यह एक और महत्वाकांक्षी योजना है.

पिछले महीने छत्तीसगढ़ सरकार ने यह घोषणा की थी कि वह ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के तहत भूमिहीन मजदूरों को आर्थिक सहायता देगी. उस दौरान यह नहीं बताया गया था कि सहायता राशि कितनी होगी. भूपेश बघेल सरकार की इस योजना से एक बड़े वर्ग को लाभ मिलेगा.

डॉ रश्मि चंद्राकर ने आगे बताया कि पहले से इन दो योजनाओं से मिल रहा लाभ राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना की तारीफ लगातार छत्तीसगढ़ सरकार करती आई है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्रदेश के 22 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है. 21 मई 2020 को पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर इस योजना को शुरु किया गया था. इसके तहत चार किश्तों में किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है. वहीं, गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों से सरकार गोबर दो रुपये किलो की दर से खरीदती है. बाद में इसका इस्तेमाल वर्मी कंपोस्ट बनाने में किया जाता है.

आजाद भारत के 74 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा कुछ हुआ है जिसे सोच कर सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के खेतिहर मजदूरों को प्रतिवर्ष एक मुश्त ₹6000 देने का फैसला किया है ।यह वह तबका है जो रोजगार की तलाश में देश भर की खाक छानता है, भुखमरी झेलता है। शोषण उत्पीड़न का शिकार होता है,कोविड-19 का भी सर्वाधिक दुष्प्रभाव इसी प्रभाव इसी पर पड़ा है। यह बात कही जा सकती है कि 6 हजार रुपयों में क्या होता है? लेकिन यह भी सच्चाई है कि स्वास्थ्य, रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे पर भी भूपेश सरकार के द्वारा शुरू को गई योजनाओं का लाभ इस तबके को पहले से मिल रहा है।

यह योजना इस वक्त इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र सरकार खेतिहर मजदूरों की बात तो दूर किसानों को 8 महीने दे धरने करवा रही है। मजदूरों या फिर खेतिहर मजदूरों की चिंता तो उसे कभी रही ही नही। इस जैसी योजनाओ का छ्त्तीसगढ़ को तात्कालिक लाभ यह मिला है कि पिछले 2.5 साल में प्रदेश में किसानों की संख्या लगभग 5 लाख बढ़ गई है दिलचस्प है कि इन किसानों में पहले कई खेतिहर मजदूर थे। एक किसान मुख्यमंत्री ही तो ऐसा सोच सकता था भूपेश बघेल का बहुत-बहुत धन्यवाद




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