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टीआरएस के अंतर्गत चयनित ग्रामों में मौसमी खरीफ की 30 सितम्बर तक और रबी की 15 जनवरी तक गिरदावरी पूर्ण करने के निर्देश जारी

फसलों की सांख्यिकी में सुधार की योजना 2021-22 के क्रियान्वयन के लिए संचालक भू-अभिलेख द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को सामान्य निर्देश जारी किए गए हैं। योजनांतर्गत भारत सरकार सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय फरीदाबाद के क्षेत्रीय सांख्यिकी अधिकारियों तथा राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय छत्तीसगढ़ इकाई के अधिकारियों द्वारा खरीफ एवं रबी मौसम में गिरदावरी कार्य की जांच, खसरा व चिट्ठा कार्य की जांच तथा फसल कटाई प्रयोगों का निरीक्षण किया जाएगा। योजना का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करने और सफल संचालन के लिए जिले के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं प्राथमिक कर्मचारियों के सहयोग की आवश्यकता है। संबंधित कलेक्टर जिले के क्षेत्र अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राज्य और केन्द्र के पर्यवेक्षण अधिकारियों को इनके निरीक्षण कार्य में सहयोग करने के लिए निर्देशित करें। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले और योजना के कार्य में शिथिलता एवं असहयोग करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही कर उनकी गोपनीय चरित्रावाली में विपरित अभियुक्ति दर्ज की जाए।

कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि टी.आर.एस के अंतर्गत चयनित 20 प्रतिशत ग्रामों में मौसम खरीफ की 30 सितम्बर तक और मौसम रबी की 10 फरवरी तक गिरदावरी पूर्ण करना अनिवार्य है। अतः पटवारियों द्वारा समय पर गिरदावरी कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए। फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल, फसलों की विपुल पैदावार एवं सामान्य किस्में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रफल तथा विभिन्न कार्याें के लिए भूमि उपयोग की मौके की स्थिति के अनुसार सही प्रविष्ठियां खसरा भुइंया सॉफ्टवेयर में दर्ज कराने की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। टी.आर.एस. के विहित पत्रक पटवारी अपने क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक के माध्यम से क्षेत्रीय उपायुक्त भू-अभिलेख कार्यालय को निर्धारित समयावधि में अनिवार्य रूप से भिजवाएं, जिससे फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन के अनुमान समयावधि में भारत शासन और राज्य शासन को उपलब्ध कराए जा सकें। राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को फसल कटाई प्रयोग एवं गिरदावरी के समय अन्य कार्य नहीं सौंपा जाए। फसल कटाई प्रयोग प्रशिक्षित प्रारंभिक कर्मचारियों से ही सम्पन्न कराया जाए। किन्हीं परिस्थितियों में जब दूसरे कर्मचारियों की व्यवस्था की जाए, तो दूसरे कर्मचारी भी प्रशिक्षित होना चाहिए।

जारी निर्देश में कलेक्टरों से कहा गया है कि पर्यवेक्षण के दौरान पाया गया है कि पटवारियों के पास अधिक पुराने एवं जीर्ण-शीर्ण मानचित्र है, जो मौके की सही स्थिति से मेल नहीं खाते। अतः ऐसे मानचित्र को प्राथमिकता के आधार पर अद्यतन एवं नवीनीकरण कराया जाए। जिले के जिन पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों को फसल कटाई का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है, उन्हें जिले में आयोजित फसल कटाई प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य किया जाए। प्रशिक्षण सत्र में अनुपस्थित रहने की स्थिति में उन्हें अधीक्षक भू-अभिलेख से प्रशिक्षण दिलाया जाए। फसल कटाई प्रयोग के लिए चुने गए गांवों में चुनी गई फसल न हो अथवा डूबान में ग्राम या वन ग्राम होने पर ग्राम को प्रतिस्थापित कर सूचना संबंधित कार्यालयों को तुरंत दी जाए। राजस्व निरीक्षक पटवारी फसल कटाई प्रयोग की सूचना फसल कटाई की निर्धारित तिथि से 15 दिन पूर्व संबंधित कार्यालयों को अनिवार्य रूप से भेजे। फसल कटाई की तिथियों में परिवर्तन होने पर सूचना एक सप्ताह पूर्व संबंधित कार्यालयों को भिजवाएं। जिससे शतप्रतिशत फसल कटाई प्रयोगों की कटनी स्तर पर निरीक्षण हो सके। फसल कटाई की तिथि की सूचना क्षेत्रीय विकास अधिकारी को आवश्यक रूप से दी जाए। प्रयोगशाला प्रयोगों से संबंधित पत्रक-1 एवं पत्रक-2 प्रयोग करने के उपरांत तुरंत संबंधित कार्यालय को भेजे, जिससे उनका उपयोग फसल पूर्वानुमान तैयार करने में हो सके।

भारत सरकार तथा प्रदेश के भू-अभिलेख विभाग के सर्वेक्षण अधिकारी जब भी पर्यवेक्षण के लिए भ्रमण पर आए तो, उन्हें प्रतिदर्श जांच पूर्ण कराने में क्षेत्रीय अधिकारीे एवं कर्मचारी पूर्ण सहयोग करें। फसल कटाई प्रयोग के लिए प्रदत्त प्रयोगिक मानक सामग्री जैसे फीता, ताराजू, बांट, खूंटी, डोरी, राईट एंगिल का आदि का सही प्रयोग किया जाए। स्थानीय सामग्री का प्रयोग नहीं किया जाए। प्रयोग सम्पन्न करते समय अत्यंत सावधानी बरती जाएं, जिससे त्रुटियां नहीं हो। फसल कटाई प्रयोग के आधार पर प्लाट की उपज को अत्यंत ही सावधानी पूर्वक निकाला जाए, जिससे उपज के दाने टूटने नहीं पाए। उपज को एक ग्राम तक शुद्ध तौलकर निर्धारित प्रपत्रों में अंकित किया जाए। भू-अभिलेख विभाग के पर्यवेक्षक फसल प्रयोग द्वारा खसरा चिट्ठा जांच के समय पाया गया है कि अधिकांश पटवारी विधिवत खसरा चिट्ठा तैयार नहीं करते है और जांच के समय पर्यवेक्षक फसल प्रयोग को प्रदान नहीं करते हैं। वांछित अभिलेख जांच के समय अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं। पटवारियों द्वारा गिरदावरी के आधार पर फसलों के अंतर्गत प्रतिवेदित क्षेत्रफल की जानकारी उच्च अधिकारियों को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए और उसकी एक प्रति अनिवार्य रूप से अपने पास रखें। पटवारी टी.आर.एस. पत्रक-1 व 2 भरते समय गौंड फसलों का क्षेत्रफल आदेशानुसार प्रमुख फसलों में अथवा फसल मिश्रण में न दर्शाकर अन्य खरीफ, रबी फसल के अंतर्गत प्रतिवेदित करते है, जो गलत है, जबकि यह क्षेत्रफल मुख्य फसल, फसल मिश्रण में दर्शाया जाना चाहिए। फसल कटाई प्रयोग का साक्षात्कार निरीक्षण कटाई स्तर पर किया जाए। कटाई के बाद या क्षति की स्थिति में प्रयोगों की जांच नहीं होने पाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए।


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