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यूँ ही नही बन जाते कोई अमित शुक्ला...अमित शुक्ला के आते ही सारंगढ़ में सट्टा- जुआ में लगी लगाम.....बड़े से बड़े सट्टे खाईवाल हो गए अंडरग्राउंड...

रायगढ़। अमित शुक्ला के आते ही सारंगढ़ में वो हो गया जो आज तक कभी नही हुवा। कहा जाता है कि अगर अच्छा कप्तान टीम में है तो खिलाड़ी भी अच्छा खेलते हैं, वही हुवा जो कहावत है।
अमित शुक्ला ने आते ही मीडिया के माध्यम से सट्टेबाज़ों को चेतावनी दी थी कि सट्टा एक ऐसी बुराई है जिससे गरीब और माध्यम परिवार हमेशा से ग्रषित हो रहे हैं, अतः उनके पदस्थापना काल मे सट्टे खाईवालों को बख्शा नही जाएगा। पूर्व में सारंगढ़ में सट्टे से लगभग हर आम परिवार ग्रसित थे, शहर तो दूर गांव-गांव में सट्टा पट्टी लिखने वालों की भरमार थी। लेकिन जब से टीआई थाना प्रभारी अमित शुक्ला का एंट्री सारंगढ़ में हुवा है तबसे सारंगढ़ में सट्टा खाईवालों का नींद मानो हराम हो गया है।

जुआ-सट्टा खिलाकर कंपनियां युवाओं और बच्चों में जुआ खेलने की लत लगा रही है। इससे देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार के पास ऑनलाइन जुआ-सट्टे को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं है।
इसका दुष्प्रभाव समाज के सभी वर्ग और उम्र के लोगों पर पड रहा है। ऑनलाइन चल रहे जुए सट्टे को रोकने का कोई इंतजाम सरकार के पास नहीं है। न ही इस संबंध में कोई सख्त कानून है।
लेकिन अमित शुक्ला के आते ही सारंगढ़ अंचल में सट्टे के कारीबरियों में हड़कंप से मच गया है। सूत्रों की माने तो कुछ खाईवाल विभिन्न माध्यम से अमित शुक्ला को मोटी भेंट की सिफारिश भी कर चुके हैं। लेकिन 2 बार इंद्रधनुष पुरुस्कार से नवाजे गये अमित शुक्ला पर चढ़ोत्तरी में लगाव न देखते हुवे अभी अपनी मांद में घुसे रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं।
ये वही सट्टे के खाईवाल थे जिनके बारे में कहा जाता था कि इनकी राजनीतिक पहुंच ऊपर तक है, बहरहाल उनकी पहुंच अभी बौने साबित हो रही है।
सारंगढ़ में कौन-कौन से सट्टे का था भरमार-
सारंगढ़ में भूतनाथ,कल्याण,राजधानी डे, राजधानी नाईट, मैन बाजार नाम से मटका खेलाया जाता था जिसमे भी कल्याण नामक खेल में सबसे अधिक दांव लगता था एक जानकारी के अनुसार प्रतिदिन सारंगढ़ में लाखों रुपये का दांव सारंगढ़ में लगाया जाता था। बड़े खाईवालों के दुबकने के पश्चात अभी इक्के-दुक्के छोटे खाईवालों के ही बचने की आशंका है जिसपर भी जल्द कार्यवाही हो सकती है

सट्टा एक सामाजिक बुराई है इससे कोई 1 व्यक्ति नही पूरा परिवार ग्रसित होता है-अमित शुक्ला
सट्टेबाजी की लत एक ऐसा वायरस है जो आपको धीरे-धीरे खोखला बना देती है। इससे आदमी कर्जदार बन सकता है और उस व्यक्ति की लाइफ बर्बाद हो सकती है। लोग 1 का 10 पाने के चक्कर मे अपनी जमापूंजी भी लुटा बैठते हैं। सट्टे खाईवालों को कभी भी बक्शा नही जायेगा। किसी भी जनता को कहीं भी सट्टेबाजी की जानकारी मिले पुलिस को तत्काल सूचना दें।




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