
मृत्यु के समय कैसे होता है अनुभव और क्यों होता है कष्ट? पुराण में बताया गया कारण
मृत्यु के समय कैसा अनुभव होता है यह सभी जानना चाहते हैं. महापुराण माने गए गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मरते समय कैसा अनुभव होता है. उस समय व्यक्ति क्या सोचता है और कैसे शारीरिक कष्ट से गुजरता है. इसमें यह भी कहा गया है कि जिन लोगों के कर्म (Karma) अच्छे होते हैं, उन्हें मरते समय और मरने के बाद कष्ट नहीं होता है. वे आसान मौत (Easy Death) के भागीदार बनते हैं. वहीं इंसान के कुछ कर्म ऐसे होते हैं, जो उसे मृत्यु के समय बहुत कष्ट देते हैं.
मृत्यु के समय किन कारणों से होता है कष्ट
गरुड़ पुराण के मुताबिक कुछ कर्म ऐसे
होते हैं जिनके कारण व्यक्ति को मृत्यु के समय बहुत कष्ट उठाना पड़ता है. जैसे-
महिलाओं का अपमान करने वाले लोग, दूसरों का पैसा हड़पने वाले लोग, धोखा देने और झूठ बोलने वाले लोग, गरीब-असहाय लोगों को परेशान करने वाले
लोग. इन लोगों को मृत्यु के समय बहुत कष्ट होता है. साथ ही मरने के बाद भी इनकी
आत्मा की यात्रा बहुत मुश्किल होती है. लिहाजा ऐसे कामों से बचना ही बेहतर है.
यहां तक कि खराब नीयत और धोखेबाजी से कमाया गया पैसा न केवल उस पापी व्यक्ति को, बल्कि उसकी संतान को भी कष्ट देती है.
कैसे
अनुभव होता है मृत्यु से पहले
बुरे कर्म करने वाले लोगों की मृत्यु
से पहले आवाज चली जाती है. उन्हें यमदूतों से बहुत डर लगता है. उन्हें आसपास
खड़े परिजन भी दिखाई देना बंद हो जाते हैं. सूर्य की तेज रोशनी में भी उन्हें कुछ
नजर नहीं आता है. उसके लिए खाना तो दूर पानी की कुछ बूंदे पीना भी मुश्किल हो जाता
है. जिंदगी में किए गए सारे कर्म एक-एक करके उसकी आंखों के सामने आने लगते हैं.