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महासमुंद: अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का किया गया आयोजन

महासमुंद: अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर जिला मुख्यालय महासमुंद के मिनी स्टेडियम में शुक्रवार 3 दिसम्बर को जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन एवं सामान्य स्वास्थ्य जांच, सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल और सामूहिक गीत का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर दिव्यांग क्षेत्र में काम करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।
प्रत्येक वर्ष विश्व में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। इसका मकसद दिव्यांगों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। हर साल इस दिन दिव्यांगों के विकास, उनके कल्याणों के लिए योजनाएं, समाज में उन्हें बराबरी का अवसर मुहैया कराने पर गहन विचार विमर्श किया जाता है। इस दिन दिव्यांगों के उत्थान, शिक्षा उनके स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने कहा कि माता-पिता के लिए सभी बच्चे बराबर होते है। माता-पिता के द्वारा बच्चों में भेदभाव नहीं किया जाता। सभी को बराबर परवरिश, संस्कार, शिक्षा दिया जाता है। ताकि बच्चे आगे चलकर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकें। उन्होंने कहा दिव्यांगजनों के प्रति सभी माता-पिता के साथ-साथ समाज के लोगों के बीच सहयोग की आवश्यकता है। दिव्यांगजन अपने मेहनत और लगन के बलबूते सामान्य जन से भी काफी आगे बढ़ रहें हैं। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल ने कहा कि राज्य शासन द्वारा सभी वर्गों के हितों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। देश में पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तृतीय लिंग के लिए पुलिस भर्ती प्रक्रिया के लिए नियम बनाया है। दिव्यांगजन अपने आप को कभी भी कमजोर न समझें। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि उनका हौसला अफजाई कर उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग करें। पटेल ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को पांच हजार रुपए प्रदान किए। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य अनिता रावटे ने कहा कि दिव्यांगजन आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है। दिव्यांगजन अपने निष्ठा और समर्पण के जरिए अपनी कमजोरियों पर विजय पाई है। सिविल न्यायाधीश वर्ग-02 पार्थ दुबे ने कहा कि हमें मजबूत और आगे बढ़ने के लिए बड़े सपने देखना जरूरी है। ताकि लगन के साथ हम उस मुकाम तक पहुंच सकें। बड़े सपने देखने से ही हममें हिम्मत आएगी। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्रीमती संगीता सिंह ने केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस दौरान जिले के विभिन्न विकासखण्डों से आए 11 दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्रायसायकल भी वितरण किया गया। दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजनांतर्गत 7 लोगों को 50-50 हजार रुपए का चेक और तीन लोगों को एक-एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया। इसी तरह सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत एक व्यक्ति को एक लाख रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र और एक व्यक्ति को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अलावा दिव्यांगता की श्रेणी में विभिन्न श्रेणियों जैसे कला, शिक्षा, सांस्कृतिक, खेल, व्यवसाय, योग सहित अन्य कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 9 दिव्यांगजनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस दौरान जिले के विभिन्न विकासखण्डों से आए दिव्यांगजन उपस्थित थे।  




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