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सरायपाली: स्थानीय युवाओं ने शौचालय भ्रष्टाचार की खोली पोल, एसडीएम से की शिकायत

सरायपाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम बलौदा के स्थानीय युवाओं ने शौचालय भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है युवाओं ने एक-एक घर में सर्वे करके तथा सूचना के अधिकार से सारी जानकारियां प्राप्त की और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सराईपाली को ज्ञापन दिया ज्ञापन के साथ-साथ ग्राम वासियों ने शपथ पत्र में अपनी शिकायत लेकर अनुविभागीय अधिकारी को सौपा.

अपने दिए ज्ञापन में ग्राम वासियों ने बताया की 2016-17 के दौरान ग्राम वासियों को शौचालय आवंटन किया गया जिसमें की कुल 340 शौचालय ग्राम बलौदा में बने लेकिन भ्रष्टाचारियों ने आपसी सांठगांठ मिलीभगत से 523 शौचालय की राशि आर्यन की इसमें तत्कालिक सरपंच कमला परशुराम पाढ़ी तथा तत्कालीन सचिव प्रेमानंद दास की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है जो कि जांच का विषय है बलौदा ग्राम वासियों और वहां के युवाओं की मांग है कि शौचालय भ्रष्टाचार की पूरी जांच कर भ्रष्टाचार करने वालों से पूरी राशि रिकवर की जाए और जिन हितग्राहियों को शौचालय की राशि नहीं मिली है या जो हितग्राही शौचालय नहीं बना पाए हैं उन्हें राशि दी जाए ताकि वह अपना शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण कर सकें !

नगर पालिका सभापति हरदीप सिंह रैना ने बताया कि ग्राम बलौदा निवासी शंखनाद यादव अपने कुछ साथियों के साथ शौचालय भ्रष्टाचार के पूरे दस्तावेज लेकर आए थे दस्तावेज देखने से यह स्पष्ट होता है कुल 523 शौचालय निर्माण की बात दस्तावेजों में की जा रही है लेकिन कुल शौचालय निर्माण वर्तमान स्थिति में 340 दिखाई दे रहे हैं जिसमें कि ग्राम पंचायत द्वारा ही शौचालय निर्माण का कार्य किया गया शिकायत अनुसार हितग्राहियों को लेबर पेमेंट और सामान भी पूरा नहीं दिया गया 523 में से 183 हितग्राही ऐसे हैं जिनके यहां शौचालय बनाया ही नहीं किया और उनके नाम से राशि का आहरण कर लिया गया सभापति हरदीप सिंह रैना ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द इस विषय में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि पूरा मामला प्रमाणित है !

ग्राम बलौदा 2017 में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है लेकिन वर्तमान सरपंच द्वारा भी भ्रष्टाचार किए जाने को लेकर शौचालय निर्माण हेतु मुनादी कराई जा रही है जब राम बलौदा पूर्णता ओडीएफ घोषित हो चुका है ऐसी स्थिति में मुनादी कराया जाना भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है क्योंकि ग्राम बलौदा के निवासियों को पहले ही 183 शौचालय का भुगतान नहीं हुआ है ऐसी स्थिति में नए निर्माण की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए जब तक पुराना भुगतान नहीं हो जाता है.




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