news-details

बसना : अपने ही पार्टी के महामंत्री के ख़िलाफ चलवाई फर्जी ख़बरें, क्या फर्जी खबर चलवाने वाले को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए ?

बसना जनपद के ग्राम पंचायत बंसुला में अटल आवास से रातों रात गरीबों को बेघर करने का मामला विगत दिनों सुर्ख़ियों में था, भाजपा के दो नेता मनोज अग्रवाल और तुलसी साव षड़यंत्र कर अपने ही भाजपा नेता जन्मजय साव के ख़िलाफ झूठी मनगढंत कहानी बनाकर लोगों से झूठे बयान वीडियों बनवाकर कई समाचार पत्रों और चैनलों में प्रकाशित करवाया.

 खबर प्रकाशन के बाद महासमुंद कलेक्टर ने इसे संज्ञान में लेते हुए गरीबों को बेघर किये जाने वाली ख़बरों को निराधार बताया. विभागीय अधिकारी ने बताया कि उक्त योजना अंतर्गत निर्मित भवनों में कुछ लोग अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण कर निवासरत थे. चूंकि उक्त अतिक्रमित भवन जर्जर अवस्था में होने के कारण रहवास हेतु उपयुक्त नहीं थे. जनहानि की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उक्त भवनों में अतिक्रमण रूप से रहने वाले लोगों से आवास खाली कराने हेतु मंडल द्वारा बार-बार मौखिक रूप से कहा गया.

भाजपा नेता मनोज अग्रवाल और तुलसी साव ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर ही वेबपोर्टल में “दबंग सरपंच की गुंडागर्दी : अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन तोड़ा 50-60 अटल आवास, बिना आदेश चला बुलडोजर, बेघर परिवारों ने रोते-बिखलते बताई आपबीती” के शीर्षक प्रकाशित करवाया जिस खबर को पूर्णत: निराधार बताया गया है.

ऐसे सवाल है कि भाजपा नेता मनोज अग्रवाल और तुलसी साव को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर कैसे याद आया कि अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन आवास को तोड़वाया गया है. क्या किसी राजनैतिक एजेंडा के तहत ये अपने ही बीजेपी के महामंत्री को फंसाने का प्रयास कर रहें हैं ? और ये नेता इतने दिन बाद कैसे जागे ? जब उन गरीब परिवारों को निकाला जा रहा था उस समय ये कहाँ थे ? इतने घर तोड़ दिए गए तब क्यों किसी ने संज्ञान में नहीं लिया ? माजरा साफ है अपने ही पार्टी के महामंत्री जन्मजय साव की छवि धूमिल करने इन नेताओं ने इस प्रकार का झूठा कृत्य किया है. और पार्टी में अपनी वाहवाही लूटी. हो सकता है कि ये दोनों केवल इसमें मोहरे हों इसके पीछे कोई और बड़ा चेहरा हो सकता है जो खुलकर सामने नहीं आना चाहता !

वर्त्तमान में बसना बीजेपी मंडल में अंतर्कलह तेज है, कौन कब कैसे अपना पाला पलट दे कोई किसी पर भरोसा नहीं कर सकता. ऐसे में जब पार्टी के ही नेता अपने दुसरे नेता पर झूठे आरोप लगाकर समाचार प्रकाशित करवा रहे हैं तो इससे बड़ा भीतरघात और क्या हो सकता है.

अब जब गरीबों को बेघर करने वाली खबर को निराधार बता दिया गया है, तो क्या नैतिकता के दृष्टिकोण से मनोज अग्रवाल और तुलसी साव को पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखा देना चाहिए ? क्या ऐसे फर्जी आरोप लगाने वाले भीतरघातियों को पार्टी में रहने देना चाहिए ? हो सकता है यह बीजेपी का अन्धरुनी मामला हो.. लेकिन यह मामला अब थाने तक पहुँच चूका है.

बीजेपी के महामंत्री अपने ही पार्टी नेता के खिलाफ जाँच को प्रभावित करने और झूठा बयान समाचार चलाने की शिकायत पुलिस से कर चुके हैं. इसके आलावा मनोज अग्रवाल और तुलसी साव पर जाँच में पहुंची ऑडिटर की टीम के साथ अश्लील गाली गलौच करने का आरोप भी है. मामले की जाँच पुलिस कर रही है. और जन्मजय साव मनोज अग्रवाल और तुलसी साव के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.




अन्य सम्बंधित खबरें