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किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 15 फरवरी तक कर सकते हैं आवेदन

पशुपालकों को आर्थिक मदद मुहैया करवाने के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय अभियान में 17 दिसंबर 2021 तक 50,454 किसान क्रेडिट कार्ड ( KCC) जारी किए गए हैं. 15 फरवरी 2022 तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत 15 नवंबर 2021 से की गई थी. 

इसका नाम देशव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान है. एएचडीएफ का मतलब पशुपालन और डेयरी किसान है. सरकार का दावा है कि इसके तहत जिला स्तर पर हर सप्ताह केसीसी शिविर लगाए जा रहे हैं, जहां मौके पर ही आवेदनों की जांच की जा रही है.

इससे पहले भी पशुपालकों और डेयरी किसानों को रियायती लोन देने के लिए एक जून 2020 से 31 दिसंबर 2020 के दौरान एक विशेष अभियान चलाया गया था. इसके तहत 14.25 लाख नए पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए. 

जिससे उन्हें अपना काम आगे बढ़ाने के लिए पैसा मिला. एएचडीएफ केसीसी अभियान के जरिए दुग्ध संघों से जुड़े उन सभी पात्र डेयरी किसानों को शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले लाभ नहीं मिला.

इसलिए फोकस कर रही सरकार
दरअसल, सरकार को यह पता है कि अगर किसानों की इनकम को दोगुना करना है तो पशुपालन के बिना यह सपना साकार नहीं हो पाएगा. इसलिए उसका अब पशुपालन पर पूरा फोकस है. उन्हें केसीसी का लाभ दिया जा रहा है, जबकि पहले इसकी सुविधा सिर्फ खेती करने वालों को मिलती थी. अगर आपके गांव में भी कैंप लगता है तो इसके लिए अप्लाई जरूर करिए.

कितना बड़ा है पशुपालन का क्षेत्र
पशुधन क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान के अलावा 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों को आजीविका उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहा है. भारत दूध उत्पादक देशों में अग्रणी है. इस साल 8.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 198.48 मिलियन टन दूध की बिक्री हुई. 

हालांकि, भारतीय दुधारू पशुओं की उत्पादकता दुनिया के ज्यादातर दूध उत्पादक देशों की तुलना में कम है. कम उत्पादकता के कारण किसानों को दुधारू पशुओं के पालन से लाभकारी आय नहीं हो रही है.

राज्यों की पहल
कुछ राज्य सरकारें भी पशुपालन पर काफी फोकस कर रही हैं. इनमें हरियाणा एक है. यहां सरकार पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना चला रही है. इसके तहत प्रदेश के 60 हजार किसानों को करीब 800 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है. 

हरियाणा के करीब 5 लाख पशुपालकों ने बैंकों में पीकेसीसी के लिए आवेदन किया था. जिनमें से करीब सवा लाख को कार्ड देने के लिए मंजूरी मिली है. प्रदेश में 16 लाख परिवारों के पास 36 लाख दुधारु पशु बताए गए हैं.

गाय और भैंस पालने के लिए कितना पैसा?
पशुपालन विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं. स्कीम के तहत गाय, भैंस, भेड़-बकरी और मुर्गी पालन के लिए 3 लाख रुपए तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी ब्याज के साथ दी जाती है. प्रति गाय 40783 और प्रति भैंस 60249 रुपये का लोन मिलता है.




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