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कांकेर ; इस युवक ने 13 साल में की तीन शादी ,पहली से तलाक...दूसरी का मर्डर, अब तीसरी के साथ पहुंचा जेल

छत्तीसगढ़ में एक युवक ने अपनी तीसरी पत्नी के साथ मिलकर दूसरे पत्नी की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद पति-पत्नी ने लाश को कांकेर जिले के जंगल में फेंका और फिर सबूत मिटाने के लिए डीजल डालकर आग लगाने की कोशिश की।

पुलिस ने महिला की अधजली लाश बरामद की थी। हत्या के आरोपी पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी युवक ने पिछले 13 सालों में तीन शादियां की हैं। पहली पत्नी से तलाक लेने के बाद इसने दूसरी शादी की थी। अब साल 2021 में तीसरी शादी कर दूसरे नंबर की पत्नी की हत्या कर दी।

जानकारी के मुताबिक, 19 मार्च को कांकेर जिले के कोकड़ी मार्ग पर महिला की अधजली लाश मिली थी। पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से महिला का पता लगाने का प्रयास किया था। 20 मार्च को भिलाई के चरोदा से महिला के परिजन कांकेर आए, जिन्होंने शव की पहचान अपनी बेटी पूर्णिमा ग्वाला (38) के रूप में की। परिजनों ने पुलिस को बताया था कि पूर्णिमा का पति के साथ विवाद चल रहा था। 

इसी कारण मायके आ गई थी। जिस दिन लाश मिली उसके एक दिन पहले 18 मार्च को ही पूर्णिमा का पति तुलसीदास मानिकपुरी उसे घर से लेकर गया था। परिजनों के इस बयान के आधार पर पुलिस ने तुलसीदास से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उसका फोन बंद आया। जिसके बाद युवक की लगातार तलाश की गई।

इस मामले को लेकर कांकेर जिले की पुलिस ने भिलाई, कवर्धा, बेमेतरा, दुर्ग और रायपुर समेत आसपास के जिलों की पुलिस से भी संपर्क किया। कांकेर समेत इन शहरों के CCTV फुटेज खंगाले। जिसमें पता चला कि तुलसीदास अपनी पत्नी पूर्णिमा को एक सफारी कार में बिठाकर गुरूर की तरफ गया था। युवक के संबंध में यह सुराग मिलने के बाद इन शहरों में भी उसकी तलाश लगातार की जा रही थी।

वह दूसरे नंबरों से अपने करीबियों से बात कर रहा था। और बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। लगातार नजर रखने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक और उसकी तीसरी पत्नी इंद्राणी मानिकपुरी के साथ उसे रायपुर से गिरफ्तार कर लिया।


गिरफ्तारी के बाद जब कांकेर पुलिस ने दोनों आरोपी पति-पत्नी से पूछताछ की तो युवक ने बताया कि इंद्राणी से वह प्यार करने लगा था। साल 2021 दिसंबर माह में दोनों ने शादी भी कर ली थी। पूर्णिमा को इसके बारे में पता चला तो दोनों के बीच काफी विवाद होने लगा। वह घर छोड़कर मायके चली गई थी। इसलिए रोज के विवाद को खत्म करने के लिए पूर्णिमा की हत्या करने का फैसला लिया। 

इंद्राणी से दूर हो गया हूं कहकर पूर्णिमा को उसके मायके से वापस लेकर आया। फिर गुरूर में अपने घर में ही इंद्राणी के साथ मिलकर गला घोंटकर मार दिया। जिसके बाद शव को ठिकाना लगाने के लिए सफारी वाहन में कांकेर जिले की तरफ आया। जंगल में लाश को फेंक कर डीजल से आग लगा दिया था। जिसके बाद दोनों वहां से भाग गए थे।




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