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पिथौरा : तालाब गहरीकरण किये बिना ही फर्जी मस्टर रोल भरकर रोजगार सहायक ने किये 7 लाख आहरण.

हेमन्त वैष्णव. ग्रामीणों को रोजगार और गाँव के विकास के उद्देश्य से देशभर के ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना चलाया जाता है. इससे कई ग्रामीणों की रोजी रोटी चलती है और गाँव में विकास भी होता है.

इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों करोड़ो खर्च करती है, लेकिन इस योजना के कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं, जो इस योजना के नाम पर शासन-प्रशासन को धोखा देते हुए बीमार, वृद्ध और प्रवासी के नाम पर फर्जी मस्टर रोल भरकर आहरण कर लेते हैं और काम शून्य होता है.

ऐसा ही कारनामा किया है पिथौरा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत जेरभरण के रोजगार सहायक आनंद तांडी ने, रोजगार सहायक आनंद ने ग्राम पंचायत जेरभरण के आश्रित ग्राम बारीकपाली में एक तालाब गहरीकरण के नाम पर 7 लाख रुपये से भी अधिक राशि का मस्टररोल भरकर फर्जी आहरण किया जबकि कार्य कुछ हुआ ही नहीं.

जानकारी के अनुसार बारीकपाली के बंधिया तालाब में मनरेगा के तहत करीब 7 लाख रुपये से गहरीकरण किया जाना था. लेकिन रोजगार सहायक ने तालाब गहरीकरण ना करवाकर केवल राशि ही फर्जी रूप से निकल लिया. रोजगार सहायक ने जिन लोगों के नाम से राशि निकली उनमे से कुछ बीमार हैं, कुछ प्रवासी हैं तो कुछ लोगों को वृद्धा पेंशन भी मिलता है. जिनके नाम पर रोजगार सहायक ने राशि निकालकर भ्रष्टाचार किया है.

ऐसे में सवाल यह है कि क्या शासन ऐसे राशि भ्रष्टाचार करने के लिए जारी करवाती है, या फिर चाहती है कि गाँव में लोगों को रोजगार मिलने के साथ गाँव का विकास भी हो.

जिस रोजगार सहायक को गाँव में काम करवाने के उद्देश्य से रखा गया है. वह अपना कार्य ना कर भ्रष्टाचार करने में जुटे हैं. जिसके चलते हैं रोजगार के नाम पर ना ही ग्रामीणों को पूरी राशि मिल रही है और ना ही गाँव का विकास हो रहा है.

देखा जाए तो गाँव के विकास और रोजगार देने के लिए सरकार लाखों का काम तो दे रही है. लेकिन यह लाखों रुपये भ्रष्टाचार में बह जा रहे हैं. और जब आप हकीकत में देख्नेगे तो जानेंगे की पैसा तो आया लेकिन विकास नहीं हुआ. आखिर जिन पैसों से काम होना था, कहाँ गया वह पैसा ?

ग्राम पंचायत जेरभरण का आश्रित ग्राम बारिकपाली जहाँ पहुँच मार्ग भी सही नहीं है, जो जनपद पंचायत मुख्यालय से काफी दूर स्थित हैं, ऐसे क्षेत्रों में शायद ही अधिकारी जाँच के लिए पहुँचते होंगे. जिस बात का अंदाजा यहाँ के कर्मचारियों को होगा, जिसके चलते बिना कार्य के ही ऐसे लाखों का आहरण बिना किसी डर-भय के कर लेते हैं. जिनपर कार्यवाही आवश्यक है.




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