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पिथौरा : मुंबई में रहने वालों के नाम पर फर्जी मस्टररोल भरकर किया आहरण, जांच टीम पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप

जनपद पंचायत पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत चनौरडीह में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में ग्राम पंचायत के मेट, रोजगार सहायक, सचिव सहित सरपंच द्वारा महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न कार्यो में फर्जी मस्टररोल बनाकर लाखों रुपये की राशि आहरण कर गबन की शिकायत पूर्व जनपद सदस्य द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष, कलेक्टर महासमुंद और मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन से की गई थी। जिस पर जनपद पंचायत पिथौरा के जांच टीम द्वारा ग्राम पंचायत के मेट, रोजगार सहायक सचिव सहित सरपंच को बचाने का प्रयास करते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया है।

पूर्व जनपद सदस्य पूर्णचंद दीप ने बताया कि वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत चनौरडीह में भूमिसुधार रेशम पिता पुरन 2020-21 के कार्य में मुकेश, भाग्यश्री, लिंगराज, देवकी, शत्रुघन, अंजना भूमिसुधार रोहित पिता टिकेलाल 2020-21 के कार्य में मोहित, सुरेश बारीक, सुरती बारीक, आनंद, पंकजनी, मोहित, सविता, सुरेश मुरली, राजिम निजी डबरी ज्ञानश्वर पिता खगेश्वर 2020-21 के कार्य मे मोहित, सुरेश बारीक, सुरती बारीक, आनंद, पंकजनी, मोहित, सविता, सुरेश, मुरली, भाग्यश्री सहित तीन दर्जन से अधिक मजदूरों के नाम पर निजी डबरी कमल पिता रामजी वर्ष 2021-22 गजराज, गुरबारी, मुकेश, अंजू, नरेश सहित 2 दर्जन से ज्यादा मजूदरों के नाम पर इसके अलावा झारमुड़ा तालाब गहरीकरण कार्य स्वीकृत वर्ष 2018 राशि 9.87 लाख और बांधा तालाब गहरीकरण कार्य स्वीकृत वर्ष स्वीकृत वर्ष 2021 में प्रभारी रोजगार सहायक आशिक नंद और सचिव सुकलाल छत्रर के मिली भगत से मेट रूपेश बारीक पिता राजकुमार बारीक द्वारा अपने परिजन पत्नि अंजू बारीक, पिता राजकुमार बारीक, बड़े भाई मोहित बारीक, भाभी सविता बारीक चाचा सुरेश बारीक, चाची सुरुचि बारीक, भाई मुकेश बारीक एवं बहु भाग्यश्री सहित दूसरे व्यक्ति ज्ञानेश, विजया, लक्ष्मीनारायण, पदमलया, नरेश, जानवी, सुरेश, सुरुचि सहित दर्जनों लोगों के नाम पर फर्जी मस्टरोल भरकर राशि का आहरण किया गया है।

जनपद सदस्य का आरोप है कि इस प्रकार फर्जी मस्टररोल से लाखों रुपए की राशि आहरण के साथ ग्राम पंचायत के मनरेगा कार्य में वास्तविक में कार्य करने वाले कई ऐसे मजदूरों को आज तक मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है। हद तो तब हो गई जब विगत लगभग 15 वर्षो से मुकेश बारीक एवं भाग्यश्री बारीक गांव से बाहर मुंबई में रहकर काम करते है। उनके नाम पर प्रति वर्ष हजारों रुपये का फर्जी मस्टररोल भरकर फर्जीवाड़ा किया जाता है। जिसका ग्राम कोटवार कुलदीप तांडी द्वारा पंचनामा बनाकर दिया गया है। जिसकी शिकायत मई 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल से करने बाद पिथौरा जनपद जांच टीम करारोपण अधिकारी सुभाष प्रधान और गुलाब सामल द्वारा 20 सितम्बर 2021 को किया गया परन्तु ग्राम पंचायत में दस्तावेज रिकार्ड उपलब्ध नही होने के कारण ग्राम पंचायत को 3 दिनों के भीतर दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

जबकि दूसरी जांच 12 नवंबर 2021 को किया गया जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा मस्टररोल तो उपलब्ध कराया गया लेकिन काट छाट होने के कारण शिकायतकर्ता द्वारा संशय व्यक्त किया गया। इस पर कोई कार्यवाही नही होने के कारण पुनः कलेक्टर महासमुंद को 29 मार्च 2022, महासमुंद जन चौपाल में 05 जुलाई 2022 और मुख्यमंत्री छतीसगढ़ शासन को किया गया। जिसमें महासमुंद कलेक्टर के निर्देश पर जनपद पंचायत पिथौरा के 3 सदस्यीय टीम द्वारा 18 अगस्त 2022 जांच किया गया जिसमें शासकीय दस्तावेज उपलब्ध नही होने कारण जांच टीम द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव सुकलाल छत्रर, प्रभारी रोजगार सहायक आशिक नंद को 3 दिवस के भीतर शासकीय दस्तावेज उपलब्ध कराने निर्देश दिये थे।

उस दिन जांच के दौरान जांच टीम द्वारा ना तो शिकायतकर्ता को इस संबंध कुछ पूछा गया और ना ही ग्रामीणों से कोई पुछतास किया गया। इस प्रकार के केंद्र एवं राज्य सरकार के जनहितैषी ग्रामीण रोजगार योजना से जुड़े मामले भ्रष्टाचार के मामले में जांच अधिकारियों द्वारा जांच को प्रभावित कर दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे आम जनता के बीच शासन प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। जिस पर शिकायतकर्ता पूर्व जनपद सदस्य पूर्णचंद तांडी ने शासन प्रशासन से अपील की है कि मामले का निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की जावें।




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