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महासमुंद : छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है, सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं - किसान नेता अशवन्त तुषार साहू

महासमुन्द : शारदीय नवरात्रि की सप्तमी मां कालरात्रि को समर्पित है. देवी का सातवां रूप संकटों से उबारने वाला माना जाता है.

#महासमुन्दविधानसभामिशन2023 क्षेत्र का दौरा कर ग्राम अछोली,अछोला,जोबा,गडसिवनी, पिंढी ,परसाडीह,सिंघगड,पतेरापाली, पटेवा,चिरको,के विभिन्न स्थानों पंडालों में विराजमान मां दुर्गा के आशीर्वाद प्राप्त कर क्षेत्र के सुख समृद्धि का कामना किया.

ग्राम चिरको में रिकाडिंग डांस बच्चों के द्वारा मनमोहन कार्यक्रम, पटेवा में छत्तीसगढ़ी लोक मंच सेवक निषाद का कार्यक्रम, सिघगड में छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी कार्यक्रम, पतेरापाली में सुआ नृत्य कार्यक्रम करवाई गई थी। विभिन्न स्थानों कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में किसान नेता अशवन्त तुषार साहू जी शामिल हुआ. आयोजक टीम के सभी सदस्यों व ग्रामीणों के द्वारा किसान नेता अशवन्त तुषार साहू का चंदन गुलाल लगाकर स्वागत किया.

साहू ने अपने उद्बोधन में कहा छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं। सुआ ही है एक पक्षी जो रटी हुई चीज बोलता रहता है। इसीलिए सुआ को स्रियां अपने मन की बात बताती है इस विश्वास के साथ कि वह उनकी व्यथा को उनके प्रिय तक जरुर पहुंचायेगा। सुआ गीत इसीलिये वियोग गीत है। प्रेमिका बड़े सहज रुप से अपनी व्यथा को व्यक्त करती है। इसीलिये ये गीत मार्मिक होते हैं। छत्तीसगढ़ की प्रेमिकायें कितने बड़े कवि हैं, ये गीत सुनने से पता चलता है। न जाने कितने सालों से ये गीत चले आ रहे हैं। ये गीत भी मौखिक ही चले आ रहे हैं।

सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं - ""तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना'' और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।
साथ में सिंघगड उपसरपंच यादव, राकेश निषाद, कुलेश्वर पटेल, लोकेश साहू ,राहुल साहू, संतोष सिन्हा, राहुल सिन्हा, अत्यधिक संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे.




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