
बसना : शिवा की रंगोली को बेस्ट रंगोली के खिताब से किया गया सम्मानित.
महासमुन्द जिले में बसना ब्लाक के अंतर्गत एक छोटे से गाँव में रहने वाले अरेकेल निवासी शिवा ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में आर्ट गैलेरी संस्था की ओर से नेशनल आर्ट एग्जीविसन 3 दिवसीय आयोजित समाहरोह में हिस्सा लिया. एग्जिवेसन में शिवा मानिकपुरी ने सात घंटो की मेहनत से बाज की रियलस्टिक रंगोली घायल परिंदा तैयार की गई. जिसकी उचाई 6 फिट और चौड़ाई 4 फिट की थी. जिसके बाद इनकी चौड़ी रंगोली को बेस्ट रंगोली के खिताब से सम्मानित किया गया.
एग्जिवेसन में शिमला के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, सहित देश भर से 25 सेलेक्टेड आर्टिस्ट ने हिस्सा लिया था. रंगोली उकेरने के अलावा पेंटिंग एग्जिटिव भी लगाई गयी थी.
शिवा ने बताया की घायल परिंदा टाइटल से मैंने बाज की गर्दन तक रंगोली उकेरी. कई बार जिंदगी में इतने उतार चढ़ाव आते है की इंसान हार मान लेता है लेकिन हमें बाज से सिख लेनी चाहिए यह वो पक्षी है जो 40 साल के बाद बुढा हो जाता है. इस उम्र के बाद ना तो ऊँची उड़ान भर पाता है और ना तो अपनी नुकुली चोच से शिकार कर पाता है.
असहनीय दर्द सहकर वो अपनी चोच और पंजो को तोड़ देता है. पंखो को नोचकर शरीर से अलग कर देता है. 5 महीने के तकलीफ के बाद बाज के नए पंख और और चोच आ जाते है और उसकी उम्र लगभग 30 साल और बढ़ जाती है.
अगर इसी तरह इंसान भी तकलीफों से हार मानने की बजाय दर्द सहकर नए रास्ते तलासे तो कामयाब होने से उसे कोई नहीं रोक सकता. आपको बता दे कि शिवा जुलाई में नेपाल में होने वाले अन्तराष्ट्रीय आर्ट एग्जिवेसन में भी भाग लेंगे.
