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महासमुन्द : जिला जेल में 426 बंदियों के बीच आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला सम्पन्न

11 मार्च को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस आर बंजारे, डीपीएम रोहित कुमार वर्मा एनएचएम और नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. छत्रपाल चंद्राकर के समन्वय से जिला जेल महासमुंद अधिक्षक यू के पटेल, चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र लोधी और समस्त स्टाफ के साथ 426 बंदियों के बीच आत्महत्या रोक थाम पर कार्यशाला सम्पन्न हुआ साथ ही, तनाव प्रबंधन पर भी कार्यशाला के माध्यम से सबको बारी-बारी से बुला कर मनोसामाजिक परामर्श दिया गया। बंदियों को आत्महत्या के आने वाले विचार के बारे जाना गया, यह विचार किस हद तक आता है, और कितने दिनों से आ रहा, इस विचार को सी बी टी कागनेटिव बिहेवयर थेरेपी के माध्यम से कैसे रोका जा सकता है.

ऐसे व्यक्ति जो आत्महत्या किये है या उनकी परिवार में कोई किये है, ट्रिगर्स, ऐसे कौन से चिन्ह को पहचाने की व्यक्ति कब ऐसे घटना को अंजाम दे सकता है, उनकी प्राथमिक उपचार किया हो सकता है, किसकी मद्त लेनी चाहिए, आत्मा हत्या रोक थाम के लिए बंदियों और समस्त स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया. की ऐसे कदम उठाने पर हम केसे एक दूसरे के सहभागिता निभा सकते है!

बंदियों को स्वस्थ्य जीवन शैली के बारे में भी बताया गया, तनाव प्रबंधन के लिए ब्लून के माध्यम से एक्टीविटी कराया गया. देंनिक जीवन में योग साधना से जूड़ने हेतू सलाह दिया गया। आपसी सामंजस्य स्थापित करे। अपनी योग्यता को निखारे। बृथींग एक्सर साइज़ करते रहे। कार्य शाला मेडिकल कालेज व जिला चिकित्सालय महासमुंद से रामगोपाल खूँटे मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता,एवं स्टाफ उपस्थिति हुये।




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