महासमुंद : नेशनल लोक अदालत में 56,229 लंबित मामलों का निराकरण एवं 11,12,44,577/- रूपये के अवार्ड पारित
25 खण्डपीठों का गठन कर किया गया मामलों का निराकरण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद, (छ0ग0) के सचिव, श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश, श्रीमती अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के अधीन आज 14 दिसंबर 2024 दिन शनिवार को जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 25 खण्डपीठांे का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकांे के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि0 की धारा-138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135 (क) के तहत विद्युत चोरी के मामले तथा सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों मंे उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इसी प्रकार प्री-लिटिगेषन संबंधित मामलों में बैंक रिकवरी के 63 प्रकरणों में 12 लाख 85 हजार 710 रूपए अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार विद्युत के 599 प्रकरणों में 75 लाख 49 हजार 175 रूपए, श्रम प्रकरण के 16 मामलों में दो लाख 26 हजार रूपए, एमएसीटी के 27 प्रकरण में. दो करोड़ 71 लाख 45 हजार, एनआई एक्ट-138 के 79 प्रकरणों में 4 करोड़ 21 लाख 70 हजार 817 रूपए तथा इसके अन्य सिविल प्रकरणों का निराकरण अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार राजीनामा योग्य 2807 दाण्डिक प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। जिले के सभी तहसील एवं अनुभाग क्षेत्रों के राजस्व न्यायालयों के माध्यम से 52 हजार 560 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार नेषनल लोक अदालत में सुलह एवं समझौता के आधार पर विभिन्न खंडपीडों के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया और उनमें रूपये 11 करोड़ 12 लाख 44 हजार 577 रूपए की राशि के आवार्ड पारित किए गए। विदित हो कि आज दिनांक 14 दिसंबर 2024 को पूरे देश भर में माननीय उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री-सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।
दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हुए सहमत
आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर किया गया प्रकरण का निराकरण
आज जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में आयोजित नेषनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक-02, के समक्ष भरण-पोषण मामला जो कि महासमुंद कुटुम्ब न्यायालय में लंबित था। जिसमें पीठासीन अधिकारी श्री प्रफुल्ल कुमार सोनवानी द्वारा समझाईष दिया गया जिससे प्रेरित होकर दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होेते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हो गया। उक्त प्रकरण परिवार न्यायालय महासमुंद के पंजीकृत विविध दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 42/2024 में थाना तुमगंाव ग्राम बेलटुकरी निवासी श्रीमती शांति बाई (परिवर्तित नाम) विरूद्व ग्राम खैरझिटी के शोभाराम पर दर्ज प्रकरण है। धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत भरण-पोषण की राषि दिलाए जाने के संबंध में प्रकरण प्रस्तुत किया था। श्रीमती शांति बाई और शोभा का विवाह वर्ष 2021 में रीति रिवाज के साथ हुआ था। जिसके बाद पति पत्नी में अनबन होने पर शाति बाई फरवरी 2024 में अपने पति से पृथक होकर अपने मायके में रहने लगी थी। जिसका प्रकरण परिवार न्यायालय में दर्ज था। जिसे आज 14 दिसंबर 2024 को आयोजित नेषनल लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से समझाईष एवं आपसी सुलह के माध्यम से निराकरण किया गया। इसी तरह एक और दर्ज प्रकरण क्रमांक 216/2023 में महासमुंद के नया मछली बाजार दलदली रोड निवासी आवेदिका श्रीमती रेवती बाई (परिवर्ति नाम) का विवाह वर्ष 2019 में तुमगंाव निवासी सुरेष बंजारे के साथ हुआ था। दोनों में अनबनता के कारण वह अपने पति से दिसंबर 2023 से अलग रह रही थी। जिसका प्रकरण आज नेषनल लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी द्वारा समझाईष दिया गया जिससे अब दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होेते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हुए।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरण में मृतक व आहतगणों के लिए अवार्ड पारित आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर किया गया प्रकरण का निराकरण
जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में अयोजित नेषनल लोक अदालत के समक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष एवं खंडपीठ क्रमांक-एक के पीठासीन अधिकारी श्रीमती अनिता डहरिया के नेतृत्व में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरण जिसका जनवरी 2024 से लंबित था जिसमें दौलत बरिहा के पुत्र रवि बरिहा तथा हिरालाल साहू के पुत्र महेन्द्र साहू के मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में पृथक-पृथक 13 लाख रूपए में राजीनामा के आधार पर अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार रायपुर जिला के ग्राम रसनी निवासी दिनेष्वरी दीवान के पति संतराम दिवान की 9 जुलाई 2023 को वाहन से हुई मृत्यु के प्रकरण में राजीनामा के आधार पर 18 लाख रूपए, ग्राम पचेडा के गीत लाल धृतलहरे की मोटर दुर्घअना में हुए मृत्यु के प्रकरण में उनकी पत्नी लक्ष्मी बाई धृतलहरे को राजीनामा के आधार पर 16,50,000 रूपए, ग्राम सिघोड़ा के खगेष्वर मिरी के दिनांक 8 अपै्रल 2024 को हुई मृत्यु के प्रकरण में उनकी पत्नी निलावती मिरी को 16,50,000 रूपए का राजीनामा के आधार पर अवार्ड पारित किया गया।
इसके अलावा खंडपीठ क्रमांक 4 के पीठासीन अधिकारी श्री अनिल कुमार पाण्डेय के समक्ष प्रस्तुत प्रकरण में बागबाहरा विकासखंड के ग्राम सोनदादर निवासी आनंद राम धुव को उसके पुत्र चमन ध््राुव के मोटर दुर्घटना में मृत्यु होने पर 13 लाख 50 हजार रूपए का अवार्ड पारित किया गया था उक्त प्रकरण में घायल छगन दीवान को दो लाख रूपए की अवार्ड राषि प्रदान की गई। एक अन्य प्रकरण में ग्राम सिलतरा भाठापारा निवासी भंगवतीन यादव के पति जागेष्वर यादव की मृत्यु 22 जनवरी 2023 को होने पर 15 लाख रूपए का अवार्ड पारित कर सहायता प्रदान की गई। इस प्रकार खंडपीठ अधिकारी के समझाईष एवं आपसी सुलह के माध्यम से उक्त प्रकरण का निराकरण किया गया।
वीडियों काॅलीग कर प्रकरण का किया गया निराकरण
आज जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में आयोजित नेषनल लोक अदालत के समक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष एवं खंडपीठ क्रमांक-एक के पीठासीन अधिकारी श्रीमती अनिता डहरिया के नेतृत्व में न्यायालय संस्थित अपील प्रकरण क्रमांक 68/24 के तहत 138 के एक प्रकरण में संबंधित पक्षकार से वीडियों काॅलिग के माध्यम से आपसी सहमति के आधार पर उनके प्रकरण का निराकरण किया गया। उक्त प्रकरण पूर्व में तालुका न्यायालय बागबाहरा अंतर्गत दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 31/2023 में दर्ज था। आवेदक द्वारा अपनी प्रदाय राषि के वापसी का मांग किया गया। इसके पष्चात अनावेदक द्वारा आवदेक को बैक चेक प्रदाय किया खाते में राषि अनुपलब्धता के कारण चेक बाउस हो गया। जिसका अनावेदक के विरूद्ध प्रकरण बागबाहरा न्यायालय में दर्ज कर राषि वसुली हेतु आदेष पारित किया गया। तद्पष्चात अनावेदक द्वारा राषि नही लौटाए जाने की असक्षमता के कारण सत्र न्यायालय में अपील प्रस्तुत किया था। जिसे आज नेषनल लोक अदालत में समझाईष के बाद राषि लौटाए जाने की सहमति प्रदान दी गई इस प्रकार उक्त प्रकरण का सुलह पूर्वक निराकरण कर निष्पादन किया।
पड़ोसी के साथ लंबे अरसे चल रहे दाण्डिक प्रकरण का हुआ निराकरण
आज आयोजित नेषनल लोक अदालत के अवसर पर तालुका न्यायालय सरायपाली में पडोसी के साथ लबे समय से रहे अनबन तथा दाण्डिक प्रकरण जो न्यायालय सरायपाली में दर्ज था जिसे आपसी सुलह और समझौते के आधार पर निराकरण किया गया। आज उक्त प्रकरण को खंडपीठ क्रमांक-11 के पीठासीन अधिकारी श्री विनय कुमार साहू के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें शासन विरूद्ध उमेष बाई दांडिक प्रकरण 102/2021 अपराध धारा 294, 323, 506, 34 भारतीय दंड संहिता का प्रकरण में विवाद होकर मारपीट हो जाने संबंधी जो न्यायालय में विगत 04 वर्षो से लंबित था। उक्त प्रकरण को आज नेषनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण ग्राम सिरबोड़ा चैकी बलौदा निवासी दोनों पक्षकारों खंडपीठ अधिकारी के समझाईष पष्चात आपसी राजीनामा कर कर सुलह समझौता कर लिया गया तथा दोनो लंबे समय से चल रहे विवाद ना करने को स्वीकार्य हुए।