
प्रधानमंत्री जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान (धरती-आबा) के तहत महासमुंद जिले के 308 ग्रामों में विशेष शिविरों का आयोजन
कमार जनजाति पर विशेष ध्यान, 18 मंत्रालयों की योजनाएं पहुँचेंगी ग्रामवासियों तक
महासमुंद जिले के आदिवासी बहुल ग्रामों में समग्र विकास की दिशा में एक विशेष पहल करते हुए केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान (धरती-आबा) के अंतर्गत 15 जून से 30 जून 2025 तक विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिले के पाँचों विकासखंडों के कुल 308 ग्रामों में ये शिविर लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से केंद्र सरकार के 18 मंत्रालयों की 25 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों को प्रदान किया जाएगा।
विकासखंडवार चयनित ग्रामों में महासमुंद के 25, बागबाहरा के 33, पिथौरा के 210, बसना के 24 और सरायपाली के 16 ग्राम शामिल हैं। शिविरों के माध्यम से आधार कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, जाति और निवास प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, जनधन खाता, स्वास्थ्य और जीवन बीमा, वृद्धावस्था और विधवा पेंशन जैसी योजनाओं के लाभ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, छात्रावास, हर घर नल से स्वच्छ जल, पक्की सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी पहुँचाई जाएंगी।
जिले के तीन विकासखंडों के 77 चिन्हांकित ग्रामों में निवासरत लगभग 3271 कमार जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तक 3192 आधार कार्ड, 2752 आयुष्मान कार्ड, 3271 राशन कार्ड, 2484 जाति प्रमाण पत्र और 2556 बैंक खाते बनाए जा चुके हैं।
विकासखंड महासमुंद के पीवीटीजी ग्राम धनसुली एवं विकासखंड बागबाहरा के ग्राम जोरातराई में दो बहुद्देशीय केंद्रों का निर्माण कराया जा रहा है, जो अब पूर्णता की ओर हैं। वहीं, विकासखंड पिथौरा के ग्राम भिथिडीह में एक नए आंगनवाड़ी केंद्र की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसका संचालन जून माह से प्रारंभ किया जा रहा है।कुल 77 ग्रामों में से 26 ग्राम ऐसे थे, जहाँ पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं था। इन ग्रामों का चिन्हांकन कर ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिनमें से 4 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है।
इसके अतिरिक्त, 62 ग्रामों के 330 परिवारों की पहचान की गई, जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं था। इन सभी परिवारों को अब बिजली कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है। साथ ही, सभी परिवारों को नल कनेक्शन से जोड़ने का कार्य भी प्रगति पर है। जिला एवं विकासखंड स्तर पर समितियाँ गठित कर निगरानी की जा रही है। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। "आदिवासी विकास विभाग इन योजनाओं के लिए नोडल विभाग नियुक्त किया गया है, और इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए हैं।" यह अभियान आदिवासी समुदायों के जीवनस्तर को ऊपर उठाने और शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।
अन्य सम्बंधित खबरें
अन्य खबरें