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पिथौरा : दोषी पंचायत सचिव पर कार्रवाई के बजाय लीपापोती, नोटिस पर नोटिस जारी।

विवादित पंचायत सचिव पर सीईओ जिला पंचायत महासमुन्द का अभयदान देने का आरोप।

पिथौरा। पंचायत सचिव के द्वारा प्रभार में पंचायत का सरकारी रिकार्ड नही सौपने की पुष्टि हो चुका है। पंचायत सचिव ने लिखित में जिला पंचायत महासमुन्द में स्वीकार किया है कि वह एक सप्ताह में ग्राम पंचायत का सम्पूर्ण रिकार्ड तात्कालीन सचिव को उपलबध करवा देगा। 04 साल से अधिक समय व्यतीत होने के बाबजूद पंचायत का शासकीय रिकार्ड प्रस्तुत नही किया है। इसकी जानकारी सीईओ जिला पंचायत महासमुन्द को होने के बाद भी दोषी पंचायत सचिव को निलंबित करने के बजाय कई बार जांच हो चुका है। लेकिन आरोप है कि नोटिस पर नोटिस का खेल सच्चिदानंद आलोक कर रहे हैै।

मालूम हो कि यह प्रकरण ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर का है। जहां की पंचायत सचिव कुन्ती आवडे है। इनका तबादला जब लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत से भतकुन्दा ग्राम पंचायत में हुआ था। तब लक्ष्मीपुर पंचायत सचिव मुरलीधर साव को इन्होने पंचायत का कोई भी शासकीय रिकार्ड नही सौपा था। आरटीआई कार्यकर्ता विनेाद कुमार दास ने सूचना का अधिकार के तहत दस्तावेजो की मांग वर्ष 2021 में किया। तब यह मामला प्रकाश में आया। जिसकी शिकायत विनेाद दास ने 09 फरवरी 2022 को उच्च स्तरीय शिकायत किया। जिसमें जिला पंचायत महासमुन्द ने शिकायत का जांच कराया।

जांच में पाया गया कि तात्कालीन पंचायत सचिव मुरलीधर साव को कुन्ती आवडे ने पंचायत का सम्पूर्ण रिकार्ड नही सौंपा है। जिला पंचायत ने 24 जनवरी 2024 को नोटिस जारी किया। जिसमें कुन्ती आवडे ने 05 फरवरी 2024 को लिखित में बयान दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर लक्ष्मीपुर पंचायत का समस्त रिकार्ड मुरलीधर साव को सौप देगी। इसी बीच जिला पंचायत से एक आदेश जारी करके मुरलीधर साव को लक्ष्मीपुर पंचायत से हटा दिया गया। श्रीसाव को कटंगतराई पंचायत में तबादला करके मामले को दबाने का खेल किया है। हैरानी की बात है कि सच्चिदानंद आलोक सीईओ जिपं ने कुन्ती आवडे को भतकुन्दा से वापस लक्ष्मीपुर पंचायत में पदांकित स्वयं किये है। मामले की पुनः उच्च स्तरीय शिकायत होने पर जिला पंचायत से नोटिस पर नोटिस का खेल शुरू करके टाइम पास हो रहा है।

बता दे कि पंचायत सचिव कुन्ती आवडे के विरूद्व विभागीय जांच हेतु 17 जनवरी 2025 को आदेश जारी किया गया है। जिसमें एक माह के भीतर विभागीय जांच की कार्रवाई पूर्ण करना था। लेकिन नही हुआ। इसके बाद 21 फरवरी 2025 दोबारा विभागीय जांच किये जाने का आदेश जारी किया है। कार्रवाई अभी भी अपूर्ण है।

तात्कालीक पंचायत सचिव मुरलीधर साव को पंचायत रिकार्ड मिलने से मुरलीधर साव अपने कार्यकाल का पंचायत रिकार्ड कुन्ती आवडे को देने का तैयार है। लेकिन इस पंचायत में ऐसा क्या भ्रष्टाचार हुआ है, कि कुन्ती आवडे अभी भी मुरलीधर साव को शासकीय रिकार्ड को नही देने पर अडी हुई है। विश्वस्त सूत्रो की माने तो जिला पंचायत के वरिष्ठ अधिकारी की निजी स्वार्थ की वजह से ही ये विवाद बना हुआ है।


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