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महासमुंद : भ्रष्टाचार के मामले में पंचायत सचिवो के जांच कार्रवाई पर असहमति का पर्दा।

शिकायतकर्ता से ही प्रकरण ही छुपाने में लगे हुए जिला पंचायत महासमुन्द के अधिकारी।

महासमुन्द। जिला पंचायत महासमुन्द में आरोपित सचिवो के विरूद्व की गई कार्यवाही संबंधित जानकारी शिकायतकर्ता को छुपाने के नई तरीके इजाद कर लिये है। आरोपित सचिवो को संरक्षण देते हुए उनकी सहमति मांगी जा रही है। ऐसे में आरोपित सचिवो का जांच से संबंधित दस्तावेज को सूचना का अधिकार के तहत व्यक्तिगत जानकारी बताकर भ्रष्टाचार में पर्दा डाल रहे है। इसकी सूचना आयोग में शिकायत की जा रही है। सूत्रो के माने तो एक रसूखदार पंचायत सचिव तो पांच पंचायत में जब-जब पंचायत से तबादला हुआ है, नये पंचायत सचिव को प्रभार में उस पंचायत के सम्पूर्ण शासकीय अभिलेख को कभी नही सौंपा है। चर्चा है कि करोडो रूपये का अनियमितता किया हैै। बहरहाल एस. आलोक जिपं महासमुन्द ने उस पर कभी भी कार्रवाई नही किया है। ऐसे कई मामले सामने आई है।

प्रकरण 01

ग्राम पंचायत बिजेमाल वि.ख. पिथौरा के तात्कालीन सचिव नरेन्द्र वैष्णव निलंबित होने के बाद उनकी जगह पर मुरलीधर साव वहां पदस्थ हुए। तब नरेन्द्र वैष्णव ने उनको प्रभार में पंचायत का सम्पूर्ण अभिलेख दस्तावेज नही सौंपा था। सिर्फ बैंक पासबुक खाता वगैरह दिया था। इस मामले की जपं व जिपं के जांचकर्ता अधिकारियो ने जांच में पुष्टि किया है। प्रतिवेदन मिलने के बाद एस. आलोक सीईओ जिपं ने आरोपित पंचायत सचिवो को चेतावनी पत्र दिया था। जिसकी मंत्रालय स्तर से शिकायत हुआ है।


प्रकरण 02

ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर वि.ख. पिथौरा के तात्कालीन सचिव श्रीमती कुन्ती आवडे का स्थानातंरण भतकुन्दा पंचायत में होने के बाद लक्ष्मीपुर में उसकी जगह पर मुरलीधर साव वहां पदस्थ हुए। तब कुन्ती आवडे ने उनको प्रभार में पंचायत का सम्पूर्ण अभिलेख दस्तावेज नही सौंपा था। इसकी जांच हुआ। जांच में जपं एवं जिपं के जांचकर्ता अधिकारियो ने पुष्टि किया है। प्रतिवेदन जिला पंचायत महासमुन्द में प्रस्तुत करने के बाद भी कार्रवाई नही किया गया है। जबकि इस मामले में एस.आलोक सीईओ जिपं ने एक सप्ताह के भीतर दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।

प्रकरण 03

ग्राम पंचायत जगत वि.ख. बसना के तात्कालीन सचिव निमंकर पटेल का तबादला होने के बाद उनकी जगह पर लखपति साहू पदस्थ हुए। तब निमंकर पटेल ने स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) से संबंधित अभिलेख दस्तावेज नही सौंपा है। इसकी पुष्टि जिला पंचायत के जांचकर्ता अधिकारियो ने जांच में पुष्टि हो चुका है। इस प्रकरण में निमंकर पटेल को एस.आलोक सीईओ जिपं ने अभी तक निलंबित करके कार्रवाई नही किया है। इसकी भी शिकायत मंत्रालय स्तर पर हुआ है।

प्रकरण 04

ग्राम पंचायत भतकुन्दा वि.ख. पिथौरा का तात्कालीन सचिव संकीर्तन बरिहा 08 दिसम्बर 2022 से निलंबित है। इन्होने आरटीआई के तहत प्रथम अपील आदेश जपं पिथौरा से प्राप्त नही होने का हवाला छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में दिया था। जिसमें जांच हुआ। जांच में प्रथम अपील पारित आदेश दिया जाना पुष्टि हुआ है। एस.आलोक ने संकीर्तन को आरोप पत्र कब दिया और जांच इन्होने जो जबाब दिये है, उस दस्तावेज की मांग किया गया था। जिसे व्यक्तिगत बताया जा रहा है।      

यहां बताना जरूरी है कि आरोपित पंचायत सचिवो के विरूद्व शासन से जांच का आदेश कलेक्टर महासमुन्द को मिल चुका है। लेकिन जांच पूर्ण नही हुआ है। शिकायतकर्ता को कलेक्टर कार्यालय से जानकारी मांगने पर जिला पंचायत कार्यालय में जांच लंबित है, यह बताया जाता है। जबकि जिला पंचायत महासमुन्द के जिम्मेदार अधिकारी जांच कार्रवाई को व्यक्तिगत बताकर छुपा रहे है। जबकि जांच के संबंध में जानने का शिकायकतकर्ता का संवैधानिक अधिकार है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार दास ने बताया कि इस समस्त प्रकरणो की छ.ग. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से प्रत्यक्ष भेट करके लिखित शिकायत किया जायेगा। एस. आलोक सीईओ जिपं से उनका पक्ष जानने का कोशिश किया, लेकिन सम्पर्क नही हो पाया है।


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