
ट्रेन के डिब्बों में लगाये जायेंगे सीसीटीवी कैमरे, शरारती तत्वों की पहचान करने में मिलेगी मदद
रेलवे ने सभी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इस कदम से यात्री सुरक्षा में सुधार होगा। बदमाश और संगठित गिरोह जो भोले-भाले यात्रियों का फायदा उठाते हैं। उन्हें कैमरे लगने से रोका जा सकेगा, साथ ही आपराधिक घटनाओं कमी आएगी। यात्रियों की निजता बनाए रखने के लिए, दरवाजों के पास, तथा सामान्य आवागमन क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इंजनों और डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रगति की समीक्षा की। शनिवार 12 जुलाई, 2025 को आयोजित बैठक में रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उत्तर रेलवे के लोको इंजन और डिब्बों में सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। केंद्रीय रेल मंत्री ने सभी 74,000 डिब्बों और 15,000 इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दे दी है। प्रत्येक रेलवे डिब्बे में 4 डोम सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे - प्रत्येक प्रवेश मार्ग पर 2 और प्रत्येक लोकोमोटिव में 6 सीसीटीवी कैमरे होंगे। इनमें लोकोमोटिव के आगे, पीछे और दोनों तरफ 1-1 कैमरा शामिल होंगे। प्रत्येक कैब (आगे और पीछे) में 1 डोम सीसीटीवी कैमरा और डेस्क पर 2 माइक्रोफोन लगाए जाएंगे।
अधिकारियों ने साझा किया कि सीसीटीवी कैमरे नवीनतम मानकों वाले होंगे और एसटीक्यूसी प्रमाणित होंगे। केंद्रीय रेल मंत्री ने सर्वश्रेष्ठ उपकरणों को इस्तेमाल करने पर जोर दिया। उन्होंने रेलवे अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 100 किमी प्रति घंटे से अधिक गति और कम रोशनी की स्थिति में चलने वाली ट्रेनों के उच्च गुणवत्ता वाले फुटेज उपलब्ध हों। केंद्रीय रेल मंत्री ने अधिकारियों को इंडियाएआई मिशन के सहयोग से सीसीटीवी कैमरों द्वारा लिए गए डेटा पर एआई के उपयोग का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
बताया गया कि डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्रों में कैमरे लगाने का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा में सुधार लाना है। निजता का ध्यान रखते हुए, ये कैमरे शरारती तत्वों की पहचान करने में भी मदद करेंगे। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रयास, सुरक्षित, संरक्षित और यात्री-अनुकूल यात्रा अनुभव के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।