
बसना में निकले बहुमूल्य खनिज भारत के लिए एक ऐतिहासिक खोज, मुख्यमंत्री विष्णु ने व्यक्त की प्रसन्नता
देश की खनिज संपदा में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना तहसील में निकल, तांबा और प्लेटिनम समूह की सल्फाइड आधारित खनिज संरचना मिली है। यह ब्लॉक करीब 30 वर्ग किलोमीटर में फैला है। जो भारत को ग्लोबल क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बना सकती है।
इस ख्ननन में अब तक करीब 700 मीटर लंबा खनिजीकृत ज़ोन मिला है जिसमें निकेल, तांबा और PGE जैसे बहुमूल्य खनिज मौजूद हैं। सबसे खास बात यह है कि इस क्षेत्र में पाई गई चट्टानों की बनावट माफिक-अल्ट्रामाफिक है, जो दुनिया के कुछ प्रमुख खनिज भंडारों जैसे ऑस्ट्रेलिया के नेबो-बेबल और फिनलैंड के अहमावारा से मेल खाती है।
इसके मिलने से छत्तीसगढ़ में समृद्धि का नया द्वार खुल चुका है, भूभौतिकीय सर्वेक्षणों से प्राप्त संकेतों के अनुसार 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की उपस्थिति दर्ज की गई है, जो इस ब्लॉक की समृद्ध खनिज क्षमता को रेखांकित करती है।
भालुकोना ब्लॉक के समीप ही स्थित केलवरडबरी निकल, क्रोमियम एवं PGE ब्लॉक पूर्व में मेसर्स वेदांता लिमिटेड को नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया था। इन दोनों ब्लॉकों के संयुक्त विकास से महासमुंद क्षेत्र को देश के रणनीतिक खनिजों के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की संभावनाएँ सशक्त हुई हैं।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक खोज राज्य और देश के लिए अत्यावश्यक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की भावना को सशक्त करती है और रणनीतिक क्षेत्रों में सतत एवं आत्मनिर्भर विकास को प्रोत्साहित करती है। छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक एवं विस्तृत खनिज अन्वेषण तथा विकास को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य शासन द्वारा रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसका प्रमाण 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में परिलक्षित होता है, जहां 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज समृद्धि की स्थिति को और मजबूत करती है, बल्कि आधुनिक तकनीक, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी खनिजों की खोज की दिशा में अद्भुत संभावनाओं की नींव भी रखती है।