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सरायपाली : शिक्षा का मंदिर बन रहा नेटवर्क मार्केटिंग की पाठशाला, शिक्षक बेच रहे हर्बल लाईफ सामाग्री

शासकीय कर्मचारी के द्वारा किसी भी प्रकार व्यापार और व्यापार का प्रचार वर्जित माना जाता है, लेकिन सरायपाली के कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने शिक्षा के मंदिर को ही अपने व्यवसाय का केंद्र बना दिया है. ये शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाना छोड़कर अपना भविष्य बना रहे हैं, अपना प्रोडक्ट महंगे दामों में बेचकर लोगों को नेटवर्क मार्केटिंग के जाल में फंसा रहे हैं.

ऐसे ही एक प्रोडक्ट जिसका नाम हर्बल लाईफ कहा जाता है, बताया जाता है ये शिक्षक इस प्रोडक्ट में नाम पर लोगों के फ्री फुल बॉडी चेकअप करते हैं, और फिर उनकी सेहत में खामियां बताकर उन्हें हर्बल लाईफ प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.

वैसे इस प्रोडक्ट में ज्यादातर लोगों को फार्मूला वन, प्रोटीन पाउडर और अफ्रेश दिया जाता है, जिसपर अधिकतम मूल्य यदि तीनो एक साथ लिया जाए तो करीब 10 हजार रुपये तक का आता है, जो मात्र के अनुसार सिर्फ 25 दिन में ही समाप्त हो जाता है.

लेकिन इस 10 हजार रुपये अधिकतम मूल्य के पीछे पूरा नेटवर्क मार्केटिंग का खेल चलता है, जानकारी के अनुसार कई लोगों को यह तीनों प्रोडक्ट केवल 1500 रुपये में ही मिल जाते हैं. इसके अलावा इस प्रोडक्ट को बेचने और लोगों को जोड़ने पर इन्हें विदेशों में भी घुमने का ऑफर मिलता है.

ऐसे में सरायपाली के कई शिक्षक पढाई को अपना पार्ट टाइम बनाकर इसे ही अपना फुल टाइम जॉब बना रखें है, कई बार तो यह भी सुनने में आता है कि इसके प्रचार के लिए स्कूल में भी ये शिक्षक अपने कार्यक्रम आयोजित कराते हैं.

वैसे इस प्रोडक्ट के नुक्सान के बारें में भी कई अखबार स्थानीय मीडिया में प्रकाशित कर चुके हैं, यह भी अब तक संदेह बना हुआ है कि इस प्रोडक्ट के लम्बे समय के इस्तेमाल अथवा इस्तेमाल कर बीच में छोड़ देने से शायद हानिकारक हो सकता है.

वहीँ अब सरायपाली में शिक्षक के द्वारा हर्बल लाईफ विक्रय व प्रचार करने के शिकायत पर विभागीय जांच करने आदेश आ चुके हैं. इस संदर्भ में सरायपाली में प्राथमिक शाला बस्तीसरायपाली में पदस्थ सहायक शिक्षक राजेश प्रधान के विरूद्ध उचित कार्यवाही करने के लिए लिखित शिकायत पूर्व में किया गया था.

जिसके बाद उक्त सम्बन्ध  को जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द के द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित कर जिसमें प्रकाशचंद मांझी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरायपाली, सतीश पटेल, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक सरायपाली, जितेन्द्र रावल, व्याख्याता शासकीय हाईस्कूल बारोडोली सरायपाली को टीम बनाकर जांचकर प्रतिवेदन अविलंब उपलब्ध करने के लिए आदेश दिया गया है.

नियम अनुसार शासकीय सेवक को निजी व्यापार या किसी व्यापार का प्रचार वर्जित रखा गया है क्योंकि इससे कर्मचारी को शासन के द्वारा दिए कार्य इससे प्रभावित हो सकता है और शासकीय सेवक से आम जनता कर्मठता से कार्य का अपेक्षा रहती है, शिक्षा मानव का मूल अधिकार है और मानव समाज ही शिक्षा से वंचित हो जाएं तो एक विकसित समाज की कल्पना करना असम्भव है, शिक्षा देने कार्य शिक्षक है और शिक्षा देने जैसे पद का अगर जांच में दुरुपयोग पाया जाता है तो इसमें कठोर कार्यवाही होनी चाहिए.



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