
छ ग के एन एच एम कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल 18 अगस्त से रहेंगे
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ की जिला इकाई महासमुंद द्वारा विभिन्न मांगो को लेकर माननीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सयुंक्त संचालक एवं अस्पताल अधीक्षक जी को विभिन्न मांगो को लेकरअनिश्चित कालीन में जाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
यदि 15 अगस्त 2025 तक सरकार की ओर से मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो 18 अगस्त 2025 से प्रदेशभर के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एवं कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे। इस बार संघ ने आपातकालीन सेवाओं को भी पूर्णतः बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संघ द्वारा शासन को पूर्व में ही सूचना दे दी गई है।
एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगे:
1. संविलियन/स्थायीकरण।
2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना।
3.ग्रेड पे का निर्धारण,
4.कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता।
5.लंबित 27% प्रतिशत वेतन वृद्धि।
6.नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण।
7.अनुकम्पा नियुक्ति।
8.मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा।
9. स्थानांतरण नीति,
10. न्यूनतम 10 लाख कैसलेश चिकित्सा बीमा।
20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा:
एनएचएम कर्मचारी विगत 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही है।
इसके बावजूद, आज भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में इसी मिशन के कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हैं।
राजनीतिक समर्थन और अब की उपेक्षा: प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मीरी, संघ के प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने बताया कि मौजूदा सरकार के कई वरिष्ठ नेता – जैसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी व विजय शर्मा – पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के मंचों पर आकर समर्थन देते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में चुनाव घोषणा पत्र : “मोदी की गारंटी” में नियमितीकरण का वादा भी किया गया था। बावजूद इसके, पिछले डेढ़ सालों में 165 से अधिक ज्ञापन व आवेदन देने के बाद भी सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं निकल पाया।
चेतावनी: स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित,* जिसमें सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, लेप्रोसी जांच, टीवी, प्रसव, एन सी डी कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य, तम्बाकू नियंत्रण, सिकल सेल, एच आई वीं जांच, खून ब्लड जांच, ओ पी डी आईपी डी, एनआर सी, गहन शिशु देख भाल, परिवार परामर्श, फिजिओ थेरेपी आदि कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है. जिले में लगभग 600 कर्मचारियों का योगदान रहता है वह शासन दोहरा नीति से काम कर रहा है एक स्टॉफ एक को 50 रूपये मिलता है वही संविदा को 15 से 16 हजार मिलता है जिसके कारण उनकी उत्साह वर्धन में कमी आ सकती है, सरकार को सज्ञान में लेते हुये कार्य करने कि आवश्य्कता है.
अब कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हैं। सरकार से आग्रह है कि वह तत्काल संवाद स्थापित करे, जायज़ मांगों पर निर्णय ले, अन्यथा छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बेपटरी हो सकती हैं, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ जिला इकाई महासमुंद से राम गोपाल खूंटे जिला अध्यक्ष, उत्तम श्रीवास, डॉ बी एल मिश्रा, डॉ देवेंद्र साहू, डॉ मधुराज देवांगन, निर्मल साहू, ओम पटेल, खोमन लाल साहू, त्रिवेणी चक्रधारी, कोमल साहू, जाग्रति साहू, देव कुमार डडसेना, सुनील साहू, टेकलाल नायक, प्राविन नागदेवे, यादराम साहू, ने मिल कर अपने उच्च अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
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