
महासमुंद : ढाई माह बाद भी जांच रिपोर्ट नही, प्रशासन पर उठे सवाल।
प्राथमिक जांच में आरोपो की पुष्टि के बाद भी डीईओ ने रिपोर्ट उच्च कार्यालय नही भेजी गई।
मोहगांव में पदस्थ संकुल समन्वयक अन्जय कश्यप पर लगे गंभीर आरोपो की जांच पूरी हो जाने के बाबजूद जांचकर्ता अधिकारी विजय लहरे ने अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन उच्च कार्यालय में प्रस्तुत नही किया है। जांचकर्ता अधिकारी ही अभी महासमुन्द में जिला शिक्षा अधिकारी है। यह टालमटोल न केवल आदेश की खुली अवहेलना है, बल्कि प्रशासनिक विफलता का भी स्पष्ट उदाहरण बन गई है।
जानकारी के अनुसार संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर ने 30 मई को जिला शिक्षा अधिकारी को 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। 25 जुलाई को मोहगांव को जांचकर्ता अधिकारी विजय लहरे जांच में पहुंचे। जांच पूर्ण किया। शिकायतकर्ता विनोद कुमार दास ने साक्ष्य सहित प्रमाण प्रस्तुत किया। लेकिन आज पर्यन्त तक जांच रिपोर्ट भेजने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जानबूझकर जांच लंबित रखना संदेह को और गहरा करता है।
बता दे कि अन्जय कश्यप अपने वरिष्ठ अधिकारी बीआरसीसी, बीईओ एवं संभागीय संयुक्त संचालक के प्रति गंभीर टिप्पणी करते है, जिसकी पुष्टि हुई है। जांच दौरान यह तथ्य भी समक्ष आया कि अन्जय कश्यप ने अपने विभागीय उच्च अधिकारी को भी झूठी जानकारी देकर व झांसे में लेकर अपने संचयी प्रभाव से दो वार्षिक वेतनवृद्वि जो रोकी गई थी, उसे एक असंचयी प्रभाव से करवाने में सफल हुए है।
लोगो का मानना है कि अगर शासन एवं उच्च अधिकारी इस आरोपो की पुष्टि के बाद भी कठोर कदम नही उठाते है, तो यह संदेश जायेगा कि कि नियम केवल कागजों में है, अमल में नही है। फिलहाल सभी की नजरें इस पर टिकी है कि शासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है। संभागीय संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव को इस मामले में मोबाइल से सम्पर्क की कोशिश की गई तो उन्होने काल रिसिव नही किया, ना वाटशप मैसेज का कोई जबाब दिया।