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CG : मध्यान भोजन में बच्चों को परोसा जा रहा कीड़ा लगा खाना

एमसीबी। जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भरतपुर के प्राथमिक शाला झिमडी पारा में मध्यान भोजन में यहां के स्कूल प्रबंधक कीड़ा लगा हुआ चावल खिलाने को मजबूर है। मामला भरतपुर विकासखंड झिमडी पारा के स्कूल का है, जहां कुल 25 बच्चे पढ़ाई करते है और इन्हें शासन के द्वारा इन ननिहाल बच्चों को मध्यान भोजन में पौष्टिक आहार खिलाना होता है, वहीं देखा जा रहा है कि कीड़ा लगा हुआ चावल सहायिका द्वारा बनाकर दिया गया। चावल में घुन लगा हुआ था और बड़ी मात्रा में कीड़े थे, इसके बावजूद भी बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

बच्चों ने उस चावल से कीड़ा निकालकर खाया, जो मध्यान भोजन की हकीकत को बयां करता है। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों को इस तरह से मध्यान भोजन देना आम बात है। सरकार द्वारा बच्चों को पौष्टिक मध्यान भोजन मिले, इसकी योजना चलाई जा रही है, लेकिन कुछ स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

 

स्कूल में मध्यान भोजन बनाने वाली सहायिका भवनिया यादव ने बताया कि चावल में कीड़ा लग गया है, तो क्या करें? अब वही बनाकर खिलाते हैं। उन्होंने बताया कि चार-पांच बार धोकर इसी को बनाकर बच्चों को खिलाते हैं। कई दिन से इसी चावल को खिला रहे हैं। बच्चों के थाली में परोसे चावल में कीड़ा मिलने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि साफ करके खिलाते हैं, मिल गया तो क्या कर सकते हैं?

स्कूल के प्रधान पाठक शिव कुमार सिंह ने बताया कि चावल घटिया है और उनके पास समान रखने के लिए कंटेनर नहीं है। बरसात होने के कारण चावल में झिल्ली आ रही है और कीड़ा भी पड़ गया है। चावल पूरा खराब है, लेकिन वे इसे रोज बिनवाते हैं और जो सही चावल है, उसे ले लेते हैं।

इस मामले में यह स्पष्ट होता है कि स्कूल में मध्यान भोजन की व्यवस्था बहुत ही खराब है। चावल में कीड़े लगने के बावजूद भी बच्चों को खिलाया जा रहा है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। सरकार को चाहिए कि वह स्कूलों में मध्यान भोजन की व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठाए और सुनिश्चित करे कि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिले।


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