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तेल, साबुन, शैंपू से लेकर घी तक हुआ सस्ता

आम लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 सितंबर को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया। अब तक चार तरह के टैक्स स्लैब थे, जिन्हें घटाकर सिर्फ दो सामान्य स्लैब – 5% और 18% और एक विशेष स्लैब 40% रखा गया है। यह नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।

किन-किन चीजों पर कम हुआ टैक्स?

जीएसटी काउंसिल के फैसले के बाद रोजमर्रा की कई वस्तुएँ पहले से सस्ती हो जाएंगी।

हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश, शेविंग क्रीम – अब इन पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जबकि पहले 18% था।

घी, मक्खन, चीज़ और डेयरी स्प्रेड्स – इन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

नमकीन, भुजिया, मिक्सचर, डायपर्स, फीडिंग बॉटल, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट्स – सब अब 5% स्लैब में आ गए हैं।

पनीर, दूध (UHT), रोटी और पराठा जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुएँ अब पूरी तरह जीएसटी से मुक्त (0%) होंगी।

स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी वस्तुएँ – लाइफ व हेल्थ इंश्योरेंस, नोटबुक, पेंसिल, थर्मामीटर और चश्मे जैसी चीजों पर या तो 0% या 5% टैक्स होगा।

कृषि उपकरण – ट्रैक्टर, टायर और ड्रिप इरिगेशन के उपकरण भी 5% जीएसटी में आ गए हैं।

18% स्लैब में कौन-कौन सी चीजें?

जो सामान पहले 28% टैक्स स्लैब में आते थे, उनमें से ज्यादातर को घटाकर 18% में ला दिया गया है।

सीमेंट

छोटी कारें व मोटरसाइकिल (350cc तक)

ट्रक और बसें

ऑटो पार्ट्स

टीवी (32 इंच से ज्यादा)

एयर कंडीशनर (AC)

40% विशेष स्लैब किन पर लागू होगा?

कुछ वस्तुएँ जिन्हें “लक्ज़री” या “सिन प्रोडक्ट्स” की श्रेणी में रखा गया है, उन पर टैक्स ज्यादा रखा गया है।

तम्बाकू और उससे बने उत्पाद – सिगरेट, गुटखा, पान मसाला आदि।

शराब और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स।

लक्ज़री कार (₹50 लाख से ऊपर), यॉट, हेलीकॉप्टर जैसी चीज़ें।

इन पर अब 40% जीएसटी लगेगा।

राज्यों की सहमति और सरकार की मंशा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार जीएसटी दरों में कटौती सर्वसम्मति से हुई है। सभी राज्यों ने आम लोगों को राहत देने और टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने पर सहमति दी।

सरकार का उद्देश्य है कि जटिल टैक्स सिस्टम को आसान बनाया जाए और घरेलू खपत (Domestic Demand) को बढ़ावा मिले।

इसका असर जनता पर

1. उपभोक्ता – रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें सस्ती होने से आम परिवारों का खर्च कम होगा।


2. व्यापार और उद्योग – आसान टैक्स व्यवस्था से कारोबारियों को राहत मिलेगी।


3. स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र – बीमा, दवाइयाँ और शिक्षा सामग्री पर टैक्स घटने से समाज को सीधा लाभ मिलेगा।


4. सरकार की आमदनी – लक्ज़री और तम्बाकू उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाकर राजस्व संतुलित रखा जाएगा।


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