
पिथौरा : आदिवासी परिवार पर सरपंच द्वारा लगाए गए जुर्माने की शिकायत पर प्रशासन हरकत में
सरपंच ने बहिष्कार कर 10 हजार का लगाया जुर्माना, नही देने पर समाज से बहिष्कार करने का मामले में एसडीएम से की शिकायत पर समाचार का असर अब दिखाई देने लगा है। समाचार के प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नरसिंगपुर पंचायत के ग्राम जर्रा की सेमबाई सिदार द्वारा सरपंच नवलीन मांझी ग्राम पंचायत नरसिंगपुर पर लगाए गए आरोप प्रेषित शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पिथौरा ने तुरंत संज्ञान लिया है। इस मामले में उप तहसीलदार, पिथौरा को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि पीड़िता के आवेदन में उल्लिखित तथ्यों की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए और प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए।
इस पूरे मामले में अब प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू हो चुकी है। पीड़िता व उसका परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो क्या होगा ? सरपंच का धारा 40, पंचायत राज अधिनियम (छ.ग.) के तहत सरपंच को पद से हटाने की कार्यवाही हो सकती है। इसके साथ ही समाज या पंचायत द्वारा किसी परिवार पर बहिष्कार या जुर्माना थोपना ग़ैरक़ानूनी और मानवाधिकार का उल्लंघन है, इस आधार पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है।
पीड़ित पक्ष की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर सरपंच के अधिकार सीमित या निलंबित कर सकते हैं।
अब क्या प्रशासन आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने में सफल हो पाती है देखना होगा ।