
बसना : भंवरपुर में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भंवरपुर में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. शिक्षक दिवस के अवसर पर भैया बहनों ने आज के कार्यक्रमों को दो भागों में विभाजित किया, जिसमें प्रथम सत्र प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 1:00 तक तथा द्वितीय सत्र दोपहर 2:00 बजे से 4:00 तक रखा गया. प्रथम सत्र में विद्यालय की भैया बहनों ने आचार्य एवं दीदीयों का स्थान लेकर प्रथम सत्र में सभी कक्षा में अध्ययन अध्यापन का कार्य किये. कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में आमंत्रित सेवानिवृत्ति शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, सभी आचार्य एवं दीदीयां विद्यालय के सभागार कक्ष में उपस्थित हुए. एवं कार्यक्रम को आगे बढाते हुए सभी अतिथियों के द्वारा विद्यादायिनी मां सरस्वती प्रणव अक्षर ओम, भारत माता एवं डॉ राधाकृष्णन सर्वपल्ली के छायाचित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.
इसके बाद अतिथि परिचय हुआ जिसमें सेवानिवृत्त शिक्षकों में बीपी देवांगन ( प्रधान पाठक), वाय कर( व्याख्याता ), रामलाल सतपथी ( प्रधान पाठक), जी के स्वर्णकार ( उच्च वर्ग शिक्षक ) पुखराम पटेल ( समन्वयक) बी एम प्रधान( प्राचार्य ) श्याम सुंदर पटेल( सहायक शिक्षक ) साबिल राम डड्सेना( पीटीआई शिक्षक ) एवं फागुलाल बारिहा( व्याख्याता ) उपस्थित रहे एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी पुरुषोत्तम अग्रवाल ( व्यवस्थापक ), बसंत अग्रवाल ( सह व्यवस्थापक ) संजय अग्रवाल,डॉक्टर शिव चौधरी एवं अन्य अतिथि मधु खूंटे ( सभापति) जनपद पंचायत बसना, संतराम निषाद( भाजपा कार्यकर्ता) प्रेम खूंटे ( जनपद सदस्य प्रतिनिधि) उपस्थित रहे.
इसके पश्चात सर्वप्रथम बीपी देवांगन जी के द्वारा इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षा के महत्व को बताया गया की शिक्षा के बिना मनुष्य अधूरा है शिक्षा के द्वारा ही वह समाज में प्रतिष्ठित होता है और अपना विकास करता है जिसके साथ-साथ समाज का और देश का विकास होता है इसके लिए शिक्षक का विशेष योगदान होता है. इसके पश्चात कार्यक्रम की अगली कड़ी में बीएम प्रधान जी के द्वारा बच्चों को संबोधित करते हुए अपने सेवा अवधि में अध्ययन अध्यापन अनुभव व्यक्त किये एवं बच्चों के प्रथम शिक्षक उनके माता-पिता को बताएं.
इसके पश्चात पुकराम पटेल जी के द्वारा अपने अध्ययन अध्यापन अनुभव एवं शिक्षित और साक्षरता के मध्य अंतर स्पष्ट किया गया और बताया गया कि देश के राष्ट्र के विकास के लिए शिक्षा का विशेष महत्व है तथा सभी नागरिकों का साक्षर होना अति आवश्यक है और इस साक्षर भारत कार्यक्रम को वे अपने सेवा काल में सतत आगे बढ़ाएं. इसके पश्चात श्री वाय कर सर जी के द्वारा बच्चों को संबोधित करते हुए कहा गया कि शिक्षक उस मोमबत्ती के समान है जो स्वयं जलकर बच्चों को ज्ञान रूपी प्रकाश देता है इस प्रकार एक शिक्षक का समाज में राष्ट्र में विशेष स्थान होता है.
कार्यक्रम की अगली कड़ी में फगुलाल बरिहा जी के द्वारा शिक्षक को देश का एवं राष्ट्र का निर्माता कहा गया जिसमें एक शिक्षक का विशेष योगदान होता है कार्यक्रम की अगली कड़ी में मधु खूंटे जी के द्वारा शिक्षक दिवस पर अपना विचार व्यक्त किया गया एवं सभी शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया. इसके पश्चात संस्था के प्रधान पाठक मोतीलाल यादव जी के द्वारा शिक्षक दिवस मनाने के कारणों को बताया गया एवं डॉ राधाकृष्णन सर्वपल्ली के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला गया.
इस प्रकार कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में विद्यालय के प्राचार्य कमल स्वर्णकार जी के द्वारा आभार व्यक्त किया गया और इस कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा किया गया. इस कार्यक्रम में सभी आचार्य एवं दीदीयों का विशेष योगदान रहा एवं कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य देवेंद्र सेठ जी के द्वारा किया गया.