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महासमुंद : मातृत्व को संबल देती प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

मां बनना हर स्त्री के जीवन का सबसे बड़ा सुख है। परंतु इस सुख के साथ कई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ भी आती हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक कमजोरी, कामकाज का बोझ और आर्थिक अभाव अक्सर माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की जो गर्भवती माताओं के लिए संबल और वरदान बनकर सामने आई।

महासमुंद जिले की हजारों माताओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। महासमुंद निवासी अंशुनी साय, रेखा देवांगन, राजकुमारी निषाद और तबस्सुम खातून जैसी हितग्राही महिलाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें न सिर्फ आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की हिम्मत और अवसर भी मिला। योजना से प्राप्त राशि से उन्होंने पौष्टिक आहार लिया और आज मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। यही अनुभव वे अब अन्य गर्भवती माताओं के साथ भी साझा कर उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग टीकवेंद्र जटवार ने बताया कि इस योजना का मूल उद्देश्य यही है कि गर्भवती माताओं को पर्याप्त विश्राम और अच्छा पोषण मिले ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और आने वाली पीढ़ी मजबूत हो।

वर्ष 2017 से शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में ही महासमुंद जिले की 19,036 गर्भवती माताओं को 6 करोड़ 32 लाख 84 हजार रुपये का लाभ दिया गया है। पंजीयन के बाद गर्भावस्था के सातवें माह में 3,000 रुपये और प्रसव के साढ़े तीन माह बाद बच्चे को टीका लगने के पश्चात 2,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। यही नहीं, दूसरी डिलीवरी में यदि बालिका जन्म लेती है तो माताओं को 6,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, एक पहल जो बेटियों के जन्म को सम्मान और सुरक्षा देती है।

यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मातृत्व का सम्मान है। यह एक ऐसा स्पर्श है, जो गर्भवती माताओं के चेहरे पर संतोष की मुस्कान और शिशुओं के भविष्य में स्वास्थ्य की नींव रखता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने वास्तव में माताओं के जीवन में उम्मीद, पोषण और सुरक्षा का उजियारा भरा है।


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