
महासमुंद : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विशेष सत्र का आयोजन
रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर आज आयुष विभाग जिला महासमुंद द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक महासमुंद में विशेष सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला आयुष अधिकारी डॉ. ज्योति गजभिए द्वारा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर जिला आयुष अधिकारी डॉ . गजभिए ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बताते हुए कहा कि जीवन में मानसिक संतुलन बनाए रखना उतना ही आवश्यक है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।
वहीं योग चिकित्सक डॉ. बबीता भगत ने तनाव प्रबंधन एवं मानसिक स्वास्थ्य के उन्नयन में योग की भूमिका पर जानकारी दी। कार्यक्रम में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सर्वेश दूबे ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के थीम एक्सेस टू सर्विसेस: मेंटल हेल्थ इन कैस्टरट्रॉफ्स एंड इमरजेंसी पर विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने मानसिक रोगों के सामान्य लक्षणों की पहचान और समय पर उपचार की आवश्यकता पर बल दिया।
इसी क्रम में जिला मुख्यालय स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय एवं शांत्री बाई कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इन सत्रों में डॉ. सर्वेश दूबे एवं डॉ. बबीता भगत ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी दी तथा विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान किया।
स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुसुईया अग्रवाल ने विद्यार्थियों को अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने तथा एक-दूसरे से संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आत्महत्या जैसे कृत्य से दूर रहने की सलाह दी। वहीं शांत्री बाई कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सविता चंद्राकर ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की अपील की। इस अवसर पर डॉ. दूबे ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य कोई विकल्प नहीं, बल्कि जीवन की परम आवश्यकता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने युवाओं से मादक पदार्थों से दूर रहने और आयुर्वेद व योग को अपनाकर समग्र स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
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