
बालको मेडिकल सेंटर को मिला फिक्की हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड
मध्य भारत के प्रमुख कैंसर केयर अस्पताल, बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) को फिक्की हेल्थकेयर एक्सीलेंस पुरस्कार 2025 में मरीजों की देखभाल और सेवा प्रदान करने के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार बीएमसी की पहल “केयर बियॉन्ड ट्रीटमेंट: कैंसर मरीजों के लिए समग्र सहायता ढाँचा” को मान्यता देता है, जो कम आय वाले और ग्रामीण मरीजों को कैंसर उपचार जारी रखने में आने वाली प्रमुख बाधाओं, जैसे- वित्तीय, पोषण, आवास और परिवहन की चुनौतियों को दूर करने पर काम करती है।
यह पुरस्कार श्री राजीव गौबा, सदस्य, नीति आयोग और पूर्व कैबिनेट सचिव, भारत सरकार, के साथ फिक्की जूरी के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किया गया और इसे डॉ. भावना सिरोही, मेडिकल डायरेक्टर, वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन, नया रायपुर ने प्राप्त किया।
केयर बियॉन्ड ट्रीटमेंट के माध्यम से, बीएमसी ने एक व्यापक प्रणाली बनाई है, जो अस्पताल की दीवारों से बहुत आगे तक जाती है। इस पहल में शामिल हैं:
सुख सराय: मरीजों और देखभाल करने वालों के लिए 95-बेड वाली सस्ती आवास सुविधा, जिसमें भोजन, आरओ पानी और परिवहन की सुविधा
मुफ्त परिवहन सेवाएँ: ई-रिक्शा और अस्पताल बस सहित, जो मुख्य ट्रांज़िट पॉइंट्स को जोड़ती हैं उच्च प्रोटीन वाले आहार का समर्थन: कीमोथेरेपी कराने वाले मरीजों के लिए बीएमसी चैरिटेबल फंड: सरकार की योजनाओं में कवर न होने वाले डायग्नोस्टिक्स और इलाज के खर्च के लिए साझेदारी: कॉर्पोरेट, एनजीओ और चैरिटेबल फाउंडेशन के साथ, ताकि फंडिंग बनी रहे और सेवा की पहुँच अधिक से अधिक लोगों तक हो इस पहल का वास्तविक असर दिखा है, जिसके चलते इलाज बीच में छोड़ने की दर कम हुई, नियमों का पालन बेहतर हुआ और हर मरीज को सम्मान के साथ समग्र देखभाल सुनिश्चित हुई।
गुणवत्ता और संवेदनशीलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मान्यता देते हुए, फिक्की जूरी ने कहा कि बीएमसी का मॉडल सफलतापूर्वक चिकित्सा एक्सीलेंस को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ जोड़ता है, और वंचित समुदायों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल तक समान पहुँच सुनिश्चित करता है।
इस अवसर पर, वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भावना सिरोही ने कहा, “विश्व स्तरीय कैंसर देखभाल तब ही मायने रखती है, जब यह हर किसी के लिए सुलभ हो, खासकर सबसे कमजोर लोगों के लिए। ‘केयर बियॉन्ड ट्रीटमेंट’ पहल यह दिखाती है कि हमें यह विश्वास है कि किसी को भी गरीबी या सहायता की कमी के कारण इलाज बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए फिक्की द्वारा हमें मान्यता मिलना हमारे लिए सम्मान की बात है। फिक्की हमारे देश में एक्सीलेंस और मानक तय करने का प्रतीक है और बीएमसी में हम जो काम कर रहे हैं, उसकी गहराई और पैमाने को फिक्की बोर्ड के सामने पेश करना हमारे लिए गर्व की बात है। ऐसे प्लेटफॉर्म्स हमें नए मानक स्थापित करने, ज्ञान साझा करने और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ सहयोग करने में मदद करते हैं, जो मरीजों की देखभाल में सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने कहा, “हम ‘केयर बियॉन्ड ट्रीटमेंट’ परियोजना को कई नई पहलों के साथ बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें सुख सराय को 250-बेड वाली धर्मशाला में बदलना, परिवहन की आवृत्ति बढ़ाना, सभी इन-पेशेंट मरीजों को पोषण संबंधी सहायता देना और थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग वाले मरीजों के लिए मोबाइल ब्लड डोनेशन वैन लॉन्च करना शामिल है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम छत्तीसगढ़ में कैंसर स्क्रीनिंग को दोगुना करने और सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान को मजबूत करने का भी लक्ष्य रखते हैं। फिक्की की यह मान्यता हमें प्रेरणा देती है और उन लोगों के लिए और अधिक करने के लिए उत्साहित करती है, जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है।”
नया रायपुर में स्थित 170-बेड वाला बालको मेडिकल सेंटर, जो एक गैर-लाभकारी और आधुनिक कैंसर अस्पताल है, मध्य भारत में कैंसर देखभाल को बदल रहा है। यह अस्पताल विश्व स्तरीय इलाज को सहानुभूति, सुलभता और समुदाय आधारित समर्थन के साथ जोड़ता है।