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अब सिम ट्रांसफर होगा आसान, उपभोक्ताओं की सेवा नहीं होगी बाधित, सरकार ने तय की प्रक्रिया

संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग (DoT) ने मशीन-टू-मशीन (M2M) सिम के स्वामित्व हस्तांतरण के लिए नया फ्रेमवर्क जारी किया है। यह ढांचा एक सेवा प्रदाता (M2M Service Provider/Licensee) से दूसरे सेवा प्रदाता को सिम ट्रांसफर करने की औपचारिक प्रक्रिया तय करता है।

अब तक लागू दिशा-निर्देशों में M2M सिम के स्वामित्व परिवर्तन का कोई प्रावधान नहीं था, जिसके कारण स्वामी बदलने की स्थिति में उपभोक्ताओं की सेवाएँ बाधित हो जाती थीं। नया फ्रेमवर्क इस समस्या को दूर करेगा और बिना सेवा रुके सिम स्वामित्व का सुगम हस्तांतरण संभव बनाएगा।

नई प्रक्रिया के अनुसार, M2M सेवा उपयोगकर्ता या कोई तीसरा पक्ष मौजूदा सेवा प्रदाता को लिखित रूप में सिम ट्रांसफर का अनुरोध देगा और नए सेवा प्रदाता का विवरण साझा करेगा। मौजूदा प्रदाता को अनुरोध मिलने के 15 दिनों के भीतर, यदि कोई बकाया राशि नहीं है, तो वह संबंधित एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर (ASP) को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी करेगा। इसके बाद नया सेवा प्रदाता एक अंडरटेकिंग (घोषणा) देगा कि वह सभी जिम्मेदारियाँ, देनदारियाँ और KYC अनुपालन की पूरी जिम्मेदारी लेगा।

ASP ट्रांसफर अनुरोध, NOC और अंडरटेकिंग की जांच करेगा। सफल सत्यापन के बाद वह दोबारा KYC करेगा और रिकॉर्ड में नए स्वामी का नाम अपडेट करेगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी उपभोक्ता की सेवा बाधित नहीं होगी, क्योंकि प्रत्येक M2M सिम हमेशा किसी न किसी अधिकृत सेवा प्रदाता से जुड़ा रहेगा।


इस संबंध में पूरा ऑफिस मेमोरेंडम और आवश्यक फॉर्म (यूजर रिक्वेस्ट, NOC और अंडरटेकिंग) दूरसंचार विभाग की वेबसाइट https://dot.gov.in/all-circulars?tid=3197 पर उपलब्ध हैं। सरकार का यह नया फ्रेमवर्क M2M और IoT सेवाओं को अधिक विश्वसनीय, लचीला और भविष्य-उन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा और सेवा प्रदाताओं को परिचालन स्वतंत्रता प्रदान करेगा।


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