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कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, महासमुंद में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, महासमुन्द में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में “सरदार वल्लभभाई पटेल @150” के उपलक्ष्य में “यूनिटी मार्च – एक भारत, आत्मनिर्भर भारत” विषय पर राष्ट्रीय एकता दिवस अत्यंत हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत एकता प्रतिज्ञा के साथ हुई। इसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने राष्ट की एकता और अखंडता की रक्षा का प्रण लिया। प्रतिभागियों ने “एक भारत – श्रेष्ठ भारत” के नारों के साथ देश की अखंडता, एकता एवं विविधता में एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने सरदार पटेल के जीवन, योगदान तथा राष्ट्रीय एकता के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए। 

कार्यक्रम का संचालन द्वितीय वर्ष के छात्र यज्ञदत्त सिन्हा द्वारा अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया गया। कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन एवं मार्गदर्शन एनएसएस प्रभारी डॉ. निर्मला भारती पटेल के नेतृत्व में हुआ, जिनके निर्देशन में सभी गतिविधियाँ सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. अनुराग ने अपने प्रेरणादायी व्याख्यान में कहा कि “सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय एकता और दृढ़ संकल्प के प्रतीक थे।


उन्होंने जिस तरह से भारत के विभिन्न रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत की नींव रखी, वह आज भी हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। एकता सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है जिसे हमें अपने कार्य, विचार और व्यवहार में अपनाना चाहिए।” उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समरस भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे अहम है। हमें एकजुट होकर देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ. मुकेश कुमार सेठ, डॉ. ऋचा चौधरी, डॉ. सुबोध कुमार प्रधान, श्रीमती कोमल गंभीर, डॉ. शांता साहू, डॉ. शुष्मा, तथा सुश्री प्रगति सिंह ठाकुर एवं सुश्री प्रतिभा मोहन सहित महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. निर्मला भारती पटेल ने सभी उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस जैसे आयोजन विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और सामाजिक सद्भावना की भावना को प्रबल करते हैं।


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