news-details

पिथौरा : डोंगरीपाली छ धान खरीदी केंद्र स्थानांतरण पर किसानों का फूटा गुस्सा, एनएच-53 पर किये चक्काजाम

राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर 40 मिनट चक्काजाम, सरकार–विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी

डोगरीपाली छ और लालमाटी गांव के किसानों का गुस्सा शुक्रवार दोपहर सड़कों पर फूट पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्ग-53 भगत देवरी ढ़ाबाखार के पास किसानों ने चक्काजाम कर दिया। धान खरीदी केंद्र डोगरीपाली छ को बंद कर खरीदी छोटे लोरम में स्थानांतरित किए जाने के विरोध में किसानों ने करीब 40 मिनट तक हाईवे जाम रखा। जाम दोपहर 1:05 बजे शुरू हुआ जो 1:45 बजे हट सका। इस दौरान हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि स्कूल बसों और आपातकालीन सेवाओं को रास्ता दिया गया। प्रदर्शन में वान्छाप्रसाद कश्यप, रविशंकर कश्यप, सुबलया बुढेक, पूर्णिमा चौहान, दुर्पती पारेश्वर, दुर्गा कश्यप, सुबकेशी कश्यप सहित बड़ी संख्या में महिला–पुरुष किसान शामिल हुए। किसानों ने स्थानीय विधायक डॉ. संपत अग्रवाल, भाजपा सरकार और प्रशासन पर किसान-विरोधी निर्णय लेने का आरोप लगाया।

धान खरीदी शुरू हो चुकी थी, फिर केंद्र क्यों हटाया? किसानों का सवाल

किसानों ने बताया कि ग्रामीण सेवा सहकारी मर्यादित समिति जेराभरन पं. क्र. 877 के अंतर्गत संचालित धान उपार्जन केंद्र डोगरीपाली छ में वर्ष 2021-22 से निरंतर सुचारू रूप से धान खरीदी की व्यवस्था चल रहा था। इस वर्ष भी केंद्र में साफ-सफाई, बारदाना की व्यवस्था पूरी हो चुकी थी और 80 क्विंटल धान की खरीदी भी शुरू हो चुकी थी। लेकिन 17 नवंबर की शाम अचानक सूचना दी गई कि डोगरीपाली छ केंद्र बंद कर धान की खरीदी अब छोटे लोरम में होगी। किसानों का कहना है कि इससे उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, परिवहन खर्च बढ़ेगा और खरीदी प्रक्रिया प्रभावित होगी।

सांसद, विधायक, कलेक्टर तक गुहार– आश्वासन नहीं मिला तो सड़क पर उतरे किसान

किसानों ने बताया कि उन्होंने महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी, बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल, कलेक्टर महासमुंद व विभागीय अधिकारियों को आवेदन दिया था, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर वे सड़क पर उतरने मजबूर हुए। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार किसान-हितैषी होने का दावा करती है लेकिन किसानों को परेशान करने का एक मौका नही छोड़ती है। पहले बिजली संकट, खाद की किल्लत के बाद अब खरीदी केंद्र भी स्थानांतरित कर हमें परेशान किया जा रहा है।धान उपार्जन केंद्र डोगरीपाली छ के अन्तर्गत 3 गांव डोगरीपाली छ, लालमाटी और छोटे लोरम आते थे। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा 2 गांव की उपेक्षा करते हुए 1 गांव के केंद्र यह कदम उठाया है जो बिल्कुल अनुचित है। प्रशासन मौके पर अलर्ट मोड पर रहा। पिथौरा तहसीलदार मनीषा देवांगन, नायब तहसीलदार ललित सिंह, सांकरा थाना प्रभारी राणा सिंह ठाकुर सहित अधिकारी पहुंचकर किसानों से चर्चा करते रहे। आखिरकार किसानों ने दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए मांग रखी कि धान उपार्जन केंद्र डोगरीपाली छ को यथावत रखा जाए या दोनों गांवों को पूर्वर्ती केंद्र जेराभरन में जोड़ा जाए। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों में ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो वे पुनः बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। दूसरी ओर पुलिस व प्रशासन लगातार अलर्ट मोड में रहे और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई ताकि स्थिति पर तत्क्षण नियंत्रण रखा जा सके।


अन्य सम्बंधित खबरें