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कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कांपा, महासमुंद के RAWE/READY कार्यक्रम अंतर्गत ग्राम कौवाझर में ग्राम अनुलग्न कार्यक्रम का विधिवत समापन

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कांपा, महासमुंद द्वारा संचालित चतुर्थ वर्ष के शैक्षणिक कार्यक्रम RAWE/READY के अंतर्गत ग्राम कौवाझर में आयोजित ग्राम अनुलग्न कार्यक्रम का समापन विधिवत, सुव्यवस्थित एवं गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कांपा, महासमुंद के अधिष्ठाता डॉ. अनुराग द्वारा की गई।

कार्यक्रम में ग्राम कौवाझर के सरपंच गेंद लाल जांगड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समापन अवसर पर RAWE/READY कार्यक्रम के अंतर्गत चतुर्थ वर्ष के छात्र–छात्राओं द्वारा कृषि के विविध विषयों पर आधारित प्रायोगिक एवं ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में फसल रोगों की पहचान, कीट एवं रोग प्रबंधन की वैज्ञानिक विधियाँ, मृदा परीक्षण की प्रक्रिया, जैविक खेती के मॉडल, संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन, बीज उपचार तकनीक, कम्पोस्ट एवं वर्मी–कम्पोस्ट निर्माण की विधियों का क्रमबद्ध एवं प्रभावी प्रदर्शन किया गया। ग्राम के किसानों, कृषक महिलाओं एवं महिला स्व–सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन कर विद्यार्थियों से तकनीकी परामर्श प्राप्त किया गया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक- कृषक चर्चा भी की गयी |

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष डॉ. अनुराग ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्राम अनुलग्न कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को वास्तविक ग्रामीण परिस्थितियों में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना तथा किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से कृषि कार्य करने हेतु प्रेरित करना है। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नियमित मृदा परीक्षण एवं संतुलित उर्वरक उपयोग को दीर्घकालिक कृषि विकास हेतु अत्यंत आवश्यक बताया।

इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी.सी. चौरसिया ने अपने तकनीकी संबोधन में कहा कि फसलों में समय पर समुचित प्रबंधन अपनाने से उत्पादन लागत में कमी आती है तथा कृषकों की आय में वृद्धि संभव है। उन्होंने किसानों से कृषि कार्य में वैज्ञानिक पद्धति अपनाने का आग्रह किया।

मुख्य अतिथि सरपंच गेंद लाल जांगड़े ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि महाविद्यालय द्वारा ग्राम स्तर पर आयोजित इस प्रकार के ग्राम अनुलग्न कार्यक्रम ग्रामीण कृषि विकास के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए महाविद्यालय को निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित ग्रामीणजनों द्वारा कृषि महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की गई तथा भविष्य में भी इस प्रकार के शैक्षणिक एवं तकनीकी कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अपेक्षा व्यक्त की गई। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. सुबोध कुमार प्रधान एवं सह सचिव डॉ. मुकेश कुमार सेठ रहे | कार्यक्रम का औपचारिक समापन डॉ. सुषमा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, कृषकों, ग्रामवासियों, महिला स्व–सहायता समूहों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया।


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