क्या आपके शारीर में विटामिन-सी की है कमी? जानें इसके लक्षण और लाभ
विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) हमारे शरीर के लिए सिर्फ एक साधारण पोषक तत्व नहीं, बल्कि हर कोशिका के लिए किसी सुपरहीरो से कम नहीं है। इसकी कमी से होने वाले नुकसान की गंभीरता का अंदाजा बहुत कम लोग लगा पाते हैं। यदि शरीर में विटामिन सी की अत्यधिक कमी हो जाए, तो मसूड़ों से खून बहना शुरू हो सकता है, पुराने घाव दोबारा खुल सकते हैं, नसें कमजोर पड़ने लगती हैं और दांत तक गिर सकते हैं।
विटामिन सी हमारे शरीर की कोशिकाओं को आपस में जोड़कर रखने में निभाता है अहम भूमिका
दरअसल, विटामिन सी हमारे शरीर की कोशिकाओं को आपस में जोड़कर रखने में अहम भूमिका निभाता है। हम इसे अक्सर सिर्फ एक सामान्य विटामिन समझ लेते हैं, जबकि यह शरीर की मजबूती का मूल आधार है। मानव शरीर स्वयं विटामिन सी का निर्माण नहीं कर सकता और न ही इसे लंबे समय तक संग्रहित कर सकता है। इसलिए इसे रोजाना भोजन के जरिए लेना जरूरी होता है।
पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 90 मिलीग्राम और महिलाओं को 75 मिलीग्राम विटामिन सी की होती है आवश्यकता
सामान्य रूप से पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 90 मिलीग्राम, महिलाओं को 75 मिलीग्राम, जबकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 85 से 120 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। यह मात्रा फल, सब्जियों और हरी पत्तेदार खाद्य पदार्थों से आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
विटामिन सी कोलेजन निर्माण में निभाता है महत्वपूर्ण भूमिका
विटामिन सी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कोलेजन का निर्माण करना है। कोलेजन एक ऐसा प्रोटीन है जो त्वचा, हड्डियों, नसों और जोड़ों को मजबूती प्रदान करता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी का सेवन त्वचा की चमक बनाए रखने और जोड़ों को मजबूत रखने के लिए आवश्यक है।
विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को भी बढ़ाता है
इसके अलावा, विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को भी बढ़ाता है। यदि कोई व्यक्ति आयरन युक्त भोजन तो कर रहा है, लेकिन विटामिन सी की कमी है, तो शरीर आयरन को पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता। शाकाहारी लोगों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एनीमिया से बचाव में मदद करता है।
शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है विटामिन सी
विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। यह फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं की रक्षा करता है, जो उम्र बढ़ने, तनाव और प्रदूषण के कारण शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नियमित सेवन से कैंसर और हृदय रोगों का खतरा कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है।
प्राकृतिक स्रोतों में आंवला सबसे प्रभावी
विटामिन सी की कमी होने पर शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।थकान, बार-बार सर्दी-जुकाम होना, मसूड़ों से खून आना, दांतों की कमजोरी और घाव भरने में देरी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। गंभीर स्थिति में स्कर्वी जैसी बीमारी भी हो सकती है। इसलिए विटामिन सी को नजरअंदाज करना सही नहीं है। इसके प्राकृतिक स्रोतों में आंवला सबसे प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा अमरूद, कीवी, लाल शिमला मिर्च, संतरा, नींबू, पपीता, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली और टमाटर भी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।