गैस पाइपलाइन परियोजना से इस्पात, बिजली, उर्वरक उद्वोगों को प्रोत्साहन मिलेगा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बिहार में गैस पाइपाइन परियोजना
से लोगों से जीवन में बड़ा बदलाव आएगा,प्रदेश में इस्पात, बिजली और उर्वरक
क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा तथा परिवहन में सीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन के
इस्तेमाल का लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि गैस आधारित उद्योगों के आने से प्रदेश में रोजगार के नए नए अवसरों का भी सृजन होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार में
900 करोड़ रुपये की पेट्रोलियम परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
इन परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन परियोजना का
दुर्गापुर-बांका खंड और बांका और चंपारण जिलों में दो एलपीजी बॉटलिंग
संयंत्र शामिल हैं।
मोदी ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के अपने
‘सौभाग्य’’ का उल्लेख करते हुए कहा कि देश और बिहार में अब वह दौर समाप्त
हो चुका है जबकि एक पीढ़ी परियोजना का काम शुरू होते और दूसरी पीढ़ी काम
पूरा होते देखती थी। उन्होंने कहा कि नए भारत में हमें इसी कार्य संस्कृति
को मजबूत करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गैस पाइपलाइन परियोजना
से बिहार में उर्वरक, बिजली और इस्पात क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा
मिलेगा और सीएनजी आधारित स्वच्छ यातायात प्रणाली का भी लाभ मिल सकेगा तथा
रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल
फागू चौहान, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर
प्रसाद, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और डेयरी, पशुपालन एवं
मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी
शामिल हुए।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) द्वारा
निर्मित 193 किलोमीटर की दुर्गापुर-बांका पाइपलाइन खंड
पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने 17 फरवरी, 2019 को इसका शिलान्यास किया था।
दुर्गापुर-बांका खंड मौजूदा 679 किलोमीटर की
पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का बांका में नई एलपीजी बॉटलिंग
संयंत्र तक विस्तार है। यह पाइपलाइन पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा बिहार से
गुजरती है।
इसके अलावा मोदी ने आईओसी के बांका के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र को
भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस परियोजना से बिहार व झारखंड की रसोई गैस की
मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इस बॉटलिंग संयंत्र का निर्माण 131.75 करोड़ रुपये के निवेश से
किया गया है। यह संयंत्र बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, अररिया, किशनगंज
और कटिहार जिलों के अलावा झारखंड के गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज तथा
पाकुड़ जिलों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
साथ ही मोदी ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के पूर्वी चंपारण
जिले के हरसिद्धि में 1,20,000 टन सालाना क्षमता के एलपीजी बॉटलिंग
संयंत्र का भी उद्घाटन किया। इसका निर्माण 136.4 करोड़ रुपये की लागत से
किया गया है। प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास 10 अप्रैल, 2018 को किया था।
मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले जब बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई
थी, तो उसमें राज्य के बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
‘‘मुझे खुशी है कि इसी से जुड़े एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन परियोजना के
दुर्गापुर-बांका खंड के लाकार्पण का मुझे सौभाग्य मिला है। डेढ़ साल पहले
इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने का भी अवसर मुझे ही मिला था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मार्ग पर पाइपलाइन बिछाकर काम पूरा करना बहुत
ही चुनौतीपूर्ण था। जिस रास्ते में 10 के करीब बड़ी नदियां हों, कई
किलोमीटर के घने जंगल और चट्टानी रास्ते हों, वहां काम करना इतना आसान भी
नहीं होता। नई इंजीनियरिंग तकनीक, राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग, हमारे
इंजीनियरों, श्रमिक साथियों के कठिन श्रम के कारण ये परियोजना समय पर पूरी
हो पाई है।’’
मोदी ने कहा, ‘जो प्रधानमंत्री पैकेज दिया गया था, उसमें
पेट्रोलियम और गैस से जुड़े 10 बड़े प्रोजेक्ट थे। इन परियोजनाओं पर
करीब-करीब 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। आज ये सातवीं परियोजना है
जिसमें काम पूरा हो चुका है।’
मोदी ने कहा, बिहार सहित पूर्वी भारत में ना तो सामर्थ्य की कमी
है और ना ही प्रकृति ने यहां संसाधनों की कमी रखी है। बावजूद इसके बिहार और
पूर्वी भारत विकास के मामले में दशकों तक पीछे ही रहा। इसकी बहुत सारी
वजहें राजनीतिक थी, आर्थिक थीं, प्राथमिकताओं की थीं।’’
उन्होंने कहा कि इन स्थितियों की वजह से पूर्वी भारत या बिहार की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हमेशा अंतहीन देरी का शिकार रहीं।
उन्होंने कहा कि बिहार में पहले गैस आधारित उद्योग और पेट्रो-कनेक्टिविटी की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘गैस बेस्ड इंडस्ट्री और पेट्रो-कनेक्टिविटी, ये
सुनने में बड़े तकनीकी शब्द लगते हैं लेकिन इनका सीधा असर लोगों के जीवन पर
पड़ता है, जीवन स्तर पर पड़ता है। गैस बेस्ड इंडस्ट्री और
पेट्रो-कनेक्टिविटी रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनाती है।
मोदी
ने कहा कि प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पूर्वी भारत को पूर्वी
समुद्री तट के पारादीप और पश्चिमी समुद्री तट के कांडला से, जोड़ने का
भागीरथ प्रयास शुरू हुआ। करीब तीन हज़ार किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन से सात
राज्यों को जोड़ा जा रहा है जिसमें बिहार का भी प्रमुख स्थान है।
पारादीप-हल्दिया से आने वाली लाइन अभी बांका तक पूरी हो चुकी है। इसको आगे
पटना, मुज़फ्फरपुर तक विस्तार दिया जा रहा है। कांडला से आने वाली पाइपलाइन
जो गोरखपुर तक पहुंच चुकी है, उसको भी इससे जोड़ा जा रहा है। जब ये पूरा
प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा तो ये विश्व की सबसे लंबी पाइपलाइन परियोजनाओं
में से एक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसी गैस पाइपलाइन की वजह से अब बिहार में ही गैस
सिलेंडर भरने के बड़े-बड़े संयंत्र लग पा रहे हैं। बांका और चंपारण में ऐसे
ही दो नए बॉटलिंग कारखानों का आज लोकार्पण हुआ। मोदी ने बताया कि इन दोनों
संयंत्रों में हर साल सवा करोड़ से ज्यादा सिलेंडर भरने की क्षमता है।