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बसना : धान ख़रीदी के बदले 500 रुपये और 100 कट्टा धान में 1 कट्टा धान की मांग रहा था समिति प्रबंधक, किसान ने की शिकायत तो समिति प्रबंधक ने दर्ज करवा दी झूठी एफ.आई.आर.

लगभग 12 दिन बाद भंवरपुर चौकी पुलिस ने धामनघुटकुरी सोसाइटी समिति प्रबंधक की शिकायत पर मामला दर्ज, किया है. समिति प्रबंधक का आरोप है कि किसान ने उसके साथ मारपीट की.

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार सेत कुमार सिदार 28 दिसम्बर 2020 को धान खरीदी केंद्र धामनघुटकुरी में नोडल अधिकारी महेश बंजारे, स्टाप पदमन प्रधान, संजू नायक तथा कुछ किसान,  हेमाल लोगों के साथ था. तभी रात्रि करीबन 10:00 बजे ग्राम बिजराभांठा के संतलाल नायक पिता बहादुल नायक,  सुरूज लाल नायक पिता बहादुल नायक, बृजमोहन नायक पिता संतलाल नायक तथा कुबेर नायक पिता संतलाल नायक सभी धामनघुटकुरी धान खरीदी फड आकर पुरानी रंजिश को लेकर जाति सूचक गाली देते हुए  फड़ प्रभारी बना है धान खरीदने नहीं आता है सभी लोगों से पैसा ले रहा है कहकर मां बहन की अश्लील गाली गलौज करते हुए तुझे जान से खत्म कर दूंगा कहकर गाली गलौज करने लगे.

जिसपर संतलाल नायक उम्र 50 वर्ष, सुरूज नायक उम्र 55 वर्ष, बृजमोहन नायक उम्र 30 वर्ष, कुबेर नायक उम्र 23 वर्ष पर अपराध धारा 294, 506, 34 आईपीसी का घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

गौरतलब है कि इससे पहले किसानों ने धान खरीदी केंद्र के समिति प्रबंधक पर 100 बोरी धान में 1 बोरी धान माँगने का आरोप लगाया था, और किसानों ने धान बेचने के लिए 500 रुपये की मांग की जा रही है ऐसा भी आरोप लगाया गया. जिसके जाँच पंचनामा में किसनों द्वारा लगाये गए आरोप सही साबित हुआ.

आपको बता दें कि धामनघुटकुरी खरीदी केन्द्र में बिजराभांटा निवासी संतलाल नायक के बेटे जब टोकन कटवाकर धान बेचने गए थे तो उनसे 100 बोरी धान में 1 बोरी धान की मांग किया गया, इस बात की शिकायत उन्होंने दूरभाष के माध्यम से नोडल अधिकारी को कर दी.

शिकायत के बाद नोडल अधिकारी ने तत्काल धामनघुटकुरी खरीदी केंद्र पहुंचकर मौके पर जांच और पुछताज किया. इस दौरान फड प्रभारी को 500 रु देना तथा 100 कट्टा धान बेचने के लिए 1 बोरा धान मांग किया जाना पाया गया.

मौके पर किसानों ने धामनघुटकुरी समिति प्रबन्धक के ऊपर आरोप लगाए कि वर्तमान में अभी प्लास्टिक बोरियों से तौल किया जा रहा हैं और पासिंग में सन बोरी को रखा गया है जिसकी वजन लगभग 700 ग्राम है.

किसानों की माने तो उनको मजबूरन पैसा और धान देना जरूरी है ऐसा नही करने पर उनके धानो को खराब बताकर रिजेक्ट कर दिया जाएगा इसलिए कई किसान डर के कारण भी अपना जुबान नही खोलते.

वहीं मामले में किसान संतलाल नायक ने कहा कि इस भ्रष्टाचार का खुलाशा होने के बाद समिति प्रबन्धक सेत कुमार सिदार द्वारा कार्यवाही से बचने के लिए उसके ख़िलाफ पुलिस में झूठा शिकायत किया गया है.





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