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शुरू हुई रेल कौशल विकास योजना....जानिए इससे जुड़ी सभी बातें

रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार योजना के तहत युवाओं को रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में उद्योग से संबंधित कौशल में प्रशिक्षण दिया जाएगा. रेल कौशल विकास योजना (आरकेवीवाई) आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल है और यह आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला का भी हिस्सा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम चार विधाओं - इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर, में आयोजित किए जाएंगे और देश भर से चुने गए प्रतिभागियों को 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में 100 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा. रेलवे ने कहा, इन संस्थानों द्वारा समय-समय पर इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में मिले अंकों जैसी पारदर्शी व्यवस्था के आधार पर किया जाएगा. हालांकि, प्रतिभागी का इस तरह के प्रशिक्षण के आधार पर रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं कर सकेंगे. 

भारतीय रेलवे पीएम मोदी के 71वें जन्मदिन के मौके पर रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया है. यह योजना देश के कुल 75 लोकेशन पर एक साथ लॉन्च की गई. इसकी लॉन्चिंग रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए आज के दिन को इसलिए चुना गया है, क्योंकि आज पीएम मोदी का जन्मदिवस है. साथ ही आज विश्वकर्मा पूजा है, इसलिए भी आज का ही दिन इस योजना की लॉन्चिंग के लिए चुना गया है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना में पीएम मोदी का विजन निहित है. शुरुआती दौर में इस योजना के तहत 50 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी. अभी इसके लिए 4 ट्रेड तय किए हैं, जो फिटर, वेल्डर, मशीनिंग और इलेक्ट्रीशियन हैं. ये चारों बहुत जरूरी है, किसी भी इंडस्ट्री में इसकी जरूरत रहती ही है. हालांकि, अभी भी रेलवे की तरफ से एक्स अप्रेंटिस के तहत लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है और साथ ही उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है. पहले तो अप्रेंटिस करने वाले सभी लोग रेलवे में ही नौकरी भी करने लगते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. फिर भी इन लोगों को तमाम टेस्ट में करीब 30 फीसदी की छूट मिलती है. 

उन्होंने तमाम सेंटर्स के हेड से गुहार लगाई कि आने वाले दिनों में इंस्ट्रुमेंटेशन, सिग्नलिंग से जुड़े काम, कॉन्क्रीट मिक्सिंग, रॉड बेंडिंग, कॉन्क्रीट टेंस्टिंग, इलेक्ट्रॉनिक कार्ड रिप्लेसमेंट जैसे ट्रेड को भी जोड़े जाने की बात कही है. ये सारे ट्रेनिंग सेंटर रिमोट एरिया में हैं और पीएम मोदी का विजन भी यही है कि समाज के आखिरी छोर तक लाभ पहुंचे. 

अश्विनी वैष्णव ने सभी ट्रेनिंग लेने वालों से कहा कि वह इस काम को मजे लेकर करें. वेल्डिंग, सोल्डरिंग जैसे काम को भी मजे से करें. उन्होंने अपना खुद का वेल्डिंग और सोल्डरिंग का अनुभव भी साझा किया. उन्होंने सभी से कहा कि मजे लेकर काम करें.




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