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"मुझे अपने पिता के लिए इंसाफ चाहिए", तीसरी में पढ़ने वाले बेटे दिव्यांश ने आखिर क्यों लगाई गुहार

नई दिल्ली: कक्षा तीसरी में पढ़ने वाले दिव्यांश ने अपने कोमल हाथों से अपने कॉपी पर एक चिट्ठी लिखी है जिसकी तस्वीर दिव्यांश के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. चिट्ठी में दिव्यांश ने लिखा है, 'मुझे अपने पिता के लिए इंसाफ चाहिए. नशे में धुत ब्रीजा कार चला रहे पुलिसवाले ने उन्हें टक्कर मार दी थी. इस मामले मे ऐक्शन लें. प्लीज मदद करें. मैं सलिल त्रिपाठी का बेटा हूं. वह होटल में मैनेजर थे. कोविड के कारण उन्हें जोमेटो में डिलिवरी बॉय का काम करना पड़ रहा था. उनके पिता( मेरे दादा जी) जंग बहादुर की कोविड से जान चली गई थी. इसलिए प्लीज न्याय के लिए मेरे परिवार की मदद कीजिए.' तीसरी में पढ़ने वाले बच्चे ने ये शब्द किस मनोदशा और हिम्मत के साथ लिखे होंगे, फिर वह बच्चा ही समझ सकता है.

जिस पुलिस वाले ने सलिल की जान ली उस पुलिस वाले को केवल 3 दिन के अंदर ही जमानत दे दिया गया. इससे परिवार वाले अनुमान लगा रहें हैं कि उस पुलिस वाले को बचाने की कोशिश की जा रही है. सलिल के चाचा कहते हैं कि हम न्याय के लिए नेताओं और दिल्ली पुलिस के अफसरों को भी लिख रहे हैं. हम सीएम केजरीवाल से मिलना चाहते हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी कॉन्स्टेबल के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, इससे पता चल जाएगा कि उसने शराब पी हुई थी या नहीं.

चाचा एसबी त्रिपाठी कहते हैं कि सलिल बेटे को लेकर बेहद फिक्रमंद थे. वह बताते हैं, 'कोरोना से पिता को खोने और नौकरी जाने के बाद वह काफी हताश था. उसने फूड डिलिवरी का काम शुरू किया. इस दौरान होटल ने फिर काम पर बुला लिया था, लेकिन नौकरी फिर चली गई. शनिवार को वह फूड डिलवरी के लिए निकला था, लेकिन पहले ही दिन यह दर्दनाक हादसा हो गया.'

दिल्ली वालों के द्वारा सलिल के परिवार तक मदद पहुचंने लगी है. सलिल के चाचा बताते हैं कि मंगलवार सवा नौ बजे तक सुचेता के खाते में 2 लाख तक की मदद आ चुकी थी. सचिन के कजन राहुल के मुताबिक कुछ लोगों के मदद के लिए फोन भी आ रहे हैं. कुछ क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटाने का ऑफर दे रहे हैं. त्रिपाठी कहते हैं मदद से जो भी पैसे मिलेंगे उसे दिव्यांश की पढ़ाई पर लगाएंगे. सलिल उसे कुछ बनाना चाहते थे. हम उनके सपने को पूरा करेंगे.




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