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स्कूलों का बंद होना बन रहा बच्चों की मौत का कारण, 11 साल के मासूम ने की आत्महत्या

भोपाल: कोरोना काल में स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन क्लासेज चलने के कारण बच्चों को मोबाइल की आदतें लग रही है. स्कूल नहीं जाने और मोबाइल मिल जाने के कारण बच्चे आजकल क्लासेज में कम और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर ज्यादा दिखाई देते हैं. बालकों के मना करने के बावजूद भी वे छिपकर या जिद करके गेम खेलते हैं.

ऐसा ही एक मामला भोपाल से सामने आया है, यहां शंकराचार्य नगर में रहने वाले 11 साल के सूर्यांश ने बुधवार को घर में फांसी लगा ली. सूर्यांश प्राइवेट स्कूल में कक्षा पांचवीं का छात्र था. पता चला है कि उसे अपने दादा के मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने की आदत थी. इस कारण सूर्यांश को हमेशा डांट पड़ती थी, परंतु वह छुप-छुपकर खेलने लगा था. सूर्यांश मौका मिलते ही मोबाइल में फ्री फायर गेम डाउनलोड कर लेता था और जब भी परिवार का कोई सदस्य देखता था तो वो गेम डिलीट कर देता था. मिली जानकारी के मुताबिक मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. अनुमान लगाया जा रहा है कि फ्री फायर ही उसके आत्महत्या का कारण हो सकता है.

मामले पर स्टेशन बजरिया थाने के एसआइ कमलेश रायकवार ने बताया कि योगेश ओझा शंकराचार्य नगर में रहते हैं. उनकी बागसेवनिया में चश्मे की दुकान है. उनके दो बच्चों में सूर्यांश और एक तीन साल की छोटी बेटी है. बुधवार दोपहर में सूर्यांश अपने चचेरे भाई के साथ घर की दूसरी मंजिल के कमरे में टीवी  देख रहा था. कुछ देर बाद उसका भाई वहां से चला गया, जिसके बाद दोपहर करीब तीन बजे सूर्यांश की दादी कमरे में पहुंची, तो वहां उन्होंने सूर्यांश को फांसी पर लटके देखा. घरवाले उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए. चेकअप करने के बाद डाक्टर ने सूर्यांश को मृत घोषित कर दिया.




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