
सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 अभियान का तृतीय चरण 4 अप्रैल से
मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आर.के.चतुर्वेदी ने बताया, "नियमित टीकाकरण के अंतर्गत बच्चों व गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए प्रतिरक्षित किया जाता है। नियमित टीकाकरण न कराने वाले बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिस कारण उनके शरीर में जानलेवा बीमारियों से लड़ने की ताकत नहीं आ पाती। कई बार टीकाकरण से छूटे बच्चे इन रोगों की चपेट में आ जाते हैं जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और कम लागत का तरीका है।
जिला टीकाकरण अधिकारी जगदलपुर डॉ. सी. मैत्री ने बताया, "4 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित होने वाले तृतीय चरण की संपूर्ण तैयारियां जिले में कर ली गई है। प्रत्येक सत्र सात दिवस का रहेगा जिसके तहत 36 टीकाकरण सत्रों में 0-2 आयु वर्ग के 88 बच्चे एवं 26 गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर छूटी हुई खुराक प्रदाय की जाएगी । टीकाकरण बच्चों व गर्भवती माताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जो बच्चे टीकाकृत हैं वे उन खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित होते हैं, जो अक्सर अक्षमता या मृत्यु का कारण बनते हैं। यह जानना सभी माता-पिता के लिए जरूरी है कि क्यों, कब, कहां और कितनी बार बच्चे का टीका लगवाना चाहिए। साथ ही उन्हें यह भी जानने की आवश्यकता है कि बीमार बच्चे, अक्षम या कुपोषण से पीड़ित बच्चे को भी टीका लगवाना सुरक्षित होता है। बस्तर में मिशन इंद्रधनुष का प्रथम चरण 7 फरवरी से प्रारंभ हुआ, द्वितीय चरण 7 मार्च से 13 मार्च तक चला था जिसका लाभ छूटे हुए बच्चे और गर्भवती महिलाओं को मिला।