
बसना : 88 सामुदायिक शौचालयों में 53 पूर्ण 35 अपूर्ण, अधिकतर शौचालयों में लगा रहता है ताला
हेमन्त वैष्णव, बसना : आपको जान कर हैरानी होगी कि स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत बनाए जा रहे शौचालय का उपयोग करने के लिए रकम अदा करना पड़ेगा. बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन अंर्तगत गांव-गांव में एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी लागत राशि लगभग 3 लाख 40 हजार है. 14वे व 15 वे वित्त और मनरेगा के कुछ राशि कि लागत से ऐसे कई ग्राम पंचायतों में समुदायिक शौचालय निर्माण किए जा चुके है और कुछ ग्राम पंचायत में यह निर्माण कार्य अभी भी जारी है.
लेकिन बसना ब्लॉक अंतर्गत बनाए गए शौचालय में ताला लगा रहता है. इसका उपयोग कोई भी नही कर पा रहा है. इसका कारण जानने के लिए सीजी संदेश के संवाददाता ने जब ग्राम पंचायत अरेकेल के सचिव को दूरभाष के माध्यम से जानकारी ली तो अजीब मामला सामने आया.
ग्राम पंचायत सचिव ने सीजी संदेश को जानकारी देते हुए बताया कि सामुदायिक शौचालय तो लगभग 4 माह पहले पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक सामुदायिक शौचालय को संचालन करने के लिए कोई महिला स्व सहायता समूह तैयार नही है. पंचायत सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव में लगभग 5 महिला स्व सहायता समूह है लेकिन किसी भी समूह ने चलाने की इच्छा जाहिर नही की है. ग्राम पंचायत द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को कई बार बोल चुका है.
सचिव ने बताया कि महिला स्व सहायता समूह आखिर सामुदायिक शौचालय चलाना क्यो नही चाहती है, चुकी सामुदायिक शौचालय चलाने से उनको कुछ भी फायदा सरकार या ग्राम पंचायत से नही होने वाला है. महिला स्व सहायता समूह को जो लोग गांव में इन सामुदायिक शौचालय का उपयोग करेगा उसे ही रकम अदा करना पड़ेगा. यही रकम महिला स्व सहायता के पास जाएगा. महिला स्व सहायता समूहों को डर है कि आखिर गांव में घर-घर शौचालय होने के बाद इन शौचालय का उपयोग पैसा देकर कौन करना चाहेगा.
मामले में जनपद सीईओ सनत महादेवा ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को संचालन करने के निर्देश जारी किया गया है, जल्द ही शौचालयों का उपयोग किया जाएगा.
जनपद APGO ने बताया कि बसना ब्लॉक अंतर्गत लगभग 88 सामुदायिक शौचालय पास हुआ, जिसमे 53 तैयार हो चुके है बाकी 35 शौचालय भी तैयार होने की स्थिति में APGO ने सीजी संदेश से बात करते हुए बताया कि सामुदायिक शौचालय के उपयोग के लिए किसी से भी पैसे नही लेना है. यह पूरी तरह निःशुल्क है. APGO ने बताया कि सामुदायिक शौचालय का उपयोग ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है, चुकी इसमें नहाने के लिए भी सुविधाएं है. लोगोें द्वारा ज्यादातर नहाने के लिए उपयोग किया जा रहा है. सभी पंचायतों को संचालन के लिए निर्देशित किया गया है. ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव शौचालय के देख-रेख के लिए महिला स्व सहायता समूह का चयन करेंगे तथा साफ सफाई का कार्य पंचायत स्लीपर द्वारा किया जाएगा.