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बसना : मानव मंगल साधना संस्थान ने श्रद्धा और उल्लास से मनाया गुरु पूर्णिमा

बसना नगर में गुरु-शिष्य के मधुर मिलन और प्रेम का प्रतीक गुरु पूर्णिमा का पर्व को मानव मंगल साधना संस्थान द्वारा गुरु पूर्णिमा को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर गुरु शिष्यों ने अपने गुरु की आराधना और पूजा अर्चना करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।साधना संस्थान के संस्थापक नारायण प्रसाद नैरोजी सहित उपस्थित सदस्यों द्वारा गुरु के चरणों मे पुष्प अर्पित कर गुरु वंदना और आरती कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान संस्थान के संस्थापक नारायण प्रसाद नैरोजी ने गुरु की महिमा गुरु के बिना जीवन अधूरा है। "गुरु बिनु भव सागर तरई न कोई ! ज्यों बिरंचि शंकर सम होई।" महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु शिष्य की परंपरा सदियों पुरानी है। गुरु हमें संस्कार शिक्षा व मर्यादा में रहने की सीख देता है। हमें हमेशा अपने गुरू का आदर करते हुए उनके द्वारा बताए सद्मार्ग पर चलना चाहिए। 

वही रासबिहारी प्रधान ने कहा कि गुरु में ही वो शक्ति है जो शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। गुरु में एक साथ कई शक्तियां विध्यमान हैं। जबकि गजानन भोई ने गुरू पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु का स्थान भगवान से भी बड़ा है। बिना गुरु की कृपा के श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता। कार्यक्रम में शिष्यों ने नतमस्तक होकर अपने गुरुओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। वही प्रवचन, भक्ति गीत-संगीत और भजन कीर्तन के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान रासबिहारी प्रधान, सीताराम प्रधान, त्रिलोचन प्रधान, जगदीश दास, अक्रूर भोई, बालेश्वर प्रधान, रासबिहारी भोई, भगवान सेठ, लच्छीलाल भोई, गयाराम बड़ेक, गिरजा नैरोजी, राजेन्द्र भोई, संध्या भोई, लक्ष्मी बड़ेक, गजानन भोई सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।




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