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बसना : निसंतान दंपतियों को चमत्कारिक उपचार से 05 महीने में स्वस्थ बच्चा होने का दावा, youtube में वीडियो देखकर सैकड़ो की संख्या में पहुंच रहे लोग, कलेक्टर से शिकायत

बसना विकासखंड के ग्राम बूटीपाली में एक बैगा व बाबा जी द्वारा निःसंतान दंपतियों को चमत्कारिक उपचार, जड़ी बूटी और माता रानी के आशीर्वाद से 5 महीने में स्वस्थ बच्चा होने की दावा सोशल मिडिया youtube मे खूब सुर्खिया बटोर रही है। जिससे आसपास, महासमुंद, रायगढ़, बलौदा बाजार, सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला सहित अन्य जिले से सैकड़ो की संख्या में लोग बड़ी आस्था के साथ संतान प्राप्ति सहित अन्य बीमारियों की इलाज के पहुंच रहे है। इस बाबा के इलाज को यू-ट्युब में अपलोड कर इसे बाबा बागेश्वर धाम की ही तरह चमत्कारिक मान रहे। यहां हर मंगलवार और शनिवार को बाबा का दरबार लगता है।

वही मामले में नेत्र विशेषज्ञ एवं अध्यक्ष अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने महासमुंद कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर निसंतान को चमत्कारिक उपचार से संतान देने का दावा करने वाले बूटीपाली के बाबा पर कार्यवाही की मांग की है।

दिनेश मिश्र ने अपनी शिकायत में बताया की बुटीपाली निवासी पीतांबर जगत नामक व्यक्ति उम्र लगभग 40 वर्ष शिक्षा पांचवी कुछ दिनों से अपना दरबार लगाकर निसंतान दंपतियों को संतान दिलाने के नाम पर गुमराह करने, भ्रम में डालने, अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहा है। जो प्राकृतिक एवं चिकित्सा विज्ञान के विपरीत ग्रामीणजनों को धोखे में रखकर अपनी चमत्कारिक शक्तियों से नीबू खिलाकर, झाड़ फूंक कर निसंतान दंपत्ति को संतान दिलाने और बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहा। पीताम्बर के जो दावे है जो की चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से अप्रामाणिक एवं झूठे है जिन दावों की चर्चा उसने खुद वीडियो में भी की है कि उसके द्वारा खिलाए गए प्रसाद नींबू के 15 मिनट में निसंतान दंपतियों में गर्भधारण हो जाता है।जो भी महिला दरबार मे जाती है गर्भधारण होता है यदि वह सोनोग्राफी कराया जाएगा तो गर्भ नहीं दिखाई देगा। जबकि चिकित्सा विज्ञान में लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति की सोनोग्राफी की जाती है तो उसके शरीर में जो भी तत्व, अंग हैं उसकी जानकारी निश्चित रूप से होती है।

यह बाबा लोगों को गुमराह कर रहा है कि इसके इलाज से 04 से 05 महीने में भी तीन चार किलो वजन का स्वस्थ बच्चा पैदा हो सकता है जबकि अगर कोई बच्चा 9 माह के समय के पहले पैदा नही होता है। यहां तक छठवें सातवें महीने में भी पैदा होता है तो वह प्री मेच्योर डिलीवरी मानी जाती है जिसमें बच्चों को हाई रिस्क होता है उसे संक्रमण का खतरा होता है। जबकि बाबा का यह भी दावा है कि उसके आशीर्वाद से कोई भी उम्र दराज महिला भी गर्भवती हो सकती है। इसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है 50 वर्ष की उम्र से ऊपर की महिला भी गर्भवती हो सकती है जिसका मासिक धर्म भले बंद हो चुका हो। और बाबा का एक और दावा है कि उसके आशीर्वाद से गर्भ धारण भी होगा लेकिन मासिक धर्म भी चलता रहेगा जो कि बिल्कुल ही दोनों प्रसूति विज्ञान के विपरीत बातें हैं जब किसी महिला गर्भवती होती है तो उसकी मासिक धर्म बंद होता है और उसके शरीर में गर्भ पलता बढ़ता है और मासिक धर्म दुबारा तभी शुरू होता है। वह बच्चा पैदा हो जाता है। चार महीने और उससे भी छोटे बच्चों को भी चला सकता है।

कथित रुप से गर्भधारण के बाद भ्रूण के पेट में मूवमेंट होने की बात भी फर्जी है प्रारम्भ में बच्चे में हृदय, फेफड़ा मस्तिष्क विकसित ही नहीं होती है इसलिए उसके जो हिलने डुलने और मूवमेंट का दावा बिल्कुल ही गलत है। लड़के पैदा होने के लिए अलग दवा दे तो लड़की पैदा होते है। कुछ लोगों को उसने बिना किसी जांच के कह चुका है कि वह न केवल गर्भावस्था बल्कि उनका डिलीवरी का समय और दिन भी बता सकता है। जबकि कुछ महिलाओं को गर्भ में जुड़वा बच्चे होने का दावा किया है जो बिना सही जांच, सोनोग्राफी के नहीं बताया जा सकता साथ ही कथित बाबा ने उसने कुछ अन्य बीमारियों के बारे में भी झाड़ फूंक करके ठीक करने की दावे किए है। इस बाबा पीतांबर जगत के इस प्रकार के भ्रामक दावों से न केवल हजारों की संख्या में ग्रामीण जमा हो रहे हैं बल्कि वह भ्रमित हो रहे है और संतान की आस में उसके पास आते हैं और वह उन्हें उनमें भ्रम एवं अंधविश्वास फैल रहा है।

आगे डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा इंडियन ड्रग एंड मेडिकल रेमेडी एक्ट 1954 की दृष्टि में इस प्रकार संतान हीनता एवं अन्य बीमारियों के तथाकथित चमत्कारिक उपचार का जो दावा है जो यह पूरी तरह से गलत, अवैज्ञानिक है। कुछ समय पहले हाथरस और अन्य स्थानों में ऐसे ही अन्य बाबाओं के द्वारा चमत्कारिक दावों के प्रचार, भीड़ जमा होने से भगदड़ एवं दुर्घटनाएं हुई है और जान माल की हानि हुई है। मामले महासमुंद कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिख कर उपरोक्त मामले की जांच करके आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है ताकि ग्रामीण जन अंधविश्वास और धोखाधड़ी से बचाए जा सके। अब देखना होगा कि शिकायत के बाद प्रशासन क्या कदम उठाती है।




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