
पीएम-किसान योजना के माध्यम से किसानों को अब तक 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण, किसानों को मिल रही मदद
माननीय प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में भूमि-धारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक केंद्रीय योजना पीएम-किसान शुरू किया था। इस योजना के अंतर्गत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।
किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे। लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए सरकार ने शुरुआत से अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
भारत सरकार इस योजना में सभी पात्र छूटे हुए किसानों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों को योजना से जोड़ने के लिए सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत 15 नवंबर 2023 से एक बड़ा अभियान चलाया गया, जिसमें 1 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को योजना में शामिल किया गया। सरकार ने जून 2024 से एक और अभियान भी चलाया और नई सरकार के पहले 100 दिनों के भीतर 25 लाख से अधिक पात्र किसानों को योजना में शामिल किया गया। सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों से 18वीं किस्त में लाभ पाने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 9.59 करोड़ हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा 2019 में किये गए एक स्वतंत्र अध्ययन के अनुसार पीएम-किसान के अंतर्गत वितरित धन ने ग्रामीण आर्थिक विकास में मुख्य स्रोत का काम किया है, किसानों की ऋण संबंधी बाधाओं को कम करने में मदद की है और कृषि इनपुट में निवेश बढ़ाया है। इसके अलावा योजना ने किसानों की जोखिम लेने की क्षमता को बढ़ाया है, जिससे वे जोखिम भरे लेकिन तुलनात्मक रूप से उत्पादक निवेश करने के लिए प्रेरित हुए हैं।
पीएम-किसान के अंतर्गत प्राप्तकर्ताओं को मिलने वाली धनराशि न केवल उनकी कृषि संबंधी जरूरतों में मदद कर रही है, बल्कि यह उनकी शिक्षा, चिकित्सा, विवाह आदि जैसे अन्य खर्चों को भी पूरा कर रही है। ये देश के किसानों पर इस योजना के सकारात्मक प्रभाव के संकेतक हैं। पीएम-किसान वास्तव में हमारे देश के कृषक समुदाय के लिए एक गेम चेंजर रहा है।