
महिलाएं हमारे समाज की रीढ़ होती है - भुनेश्वर साहू
समाज में नशाखोरी व कुरीतियों पर अंकुश लगाना होगा जिससे महिलाएं सुरक्षित हो सके - मधुकर
शासकीय पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला उमरदा में संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। प्राथमिक शाला की प्रधान पाठक श्रीमती साक्षी साहू ने बच्चों से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो महिलाओं के अधिकारों उनकी उपलब्धियों और उनके संघर्षों को पहचानने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है और इसका उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान, समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देना है।
प्रधान पाठक भुवनेश्वर प्रसाद साहू ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं हमारे समाज की रीढ़ हैं और वे हमारे परिवार, समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लेकिन फिर भी महिलाओं को आज भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि लिंग भेदभाव, घरेलू हिंसा तथा शिक्षा और रोजगार में असमानता प्रमुख है जिसे समाज के सभी लोगों को दूर किया जाना चाहिए।
शिक्षक योगेश कुमार मधुकर ने कहा कि समाज में व्याप्त नशाखोरी, चोरी-डकैती व अन्य कुरीतियों पर अंकुश लगाना होगा जिससे महिलाएं सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि हम प्रतिवर्ष 8 मार्च को विभिन्न आयोजनों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं और अगले ही दिन हम भूल जाते हैं। दूसरे ही दिन समाचार पत्रों एवं अन्य न्यूज़ चैनलों में समाचार आने लगता है कि अमुक जगह अमुक महिला के साथ अभद्र व्यवहार, चैंन स्कैनिंग, मारपीट एवं घरेलू हिंसा परिणत हुई है।
उन्होंने महिलाओं के प्रति सम्मान, समानता, और न्याय की भावना को बढ़ावा देने उनके अधिकारों की रक्षा करने, लिंग समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए समाज में एकजुट होकर कार्य करने की बात कही है।
शिक्षक पंकज साहू ने बच्चों को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास 1908 में न्यूयॉर्क शहर में एक रैली के रूप में शुरू हुआ था जिसमें महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की थी जैसे कि मतदान का अधिकार और बेहतर काम की स्थिति। 1911 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। तथा 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष की घोषणा की और 8 मार्च को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।
उक्त कार्यक्रम का संचालन शिक्षक पुरुषोत्तम ध्रुव ने तथा आभार प्रदर्शन शिक्षक पोखन लाल चंद्राकार ने किया। इस अवसर पर समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।