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एम्स भुवनेश्वर में केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला का उद्घाटन, मल्टीयूटिलिटी (गैस्ट्रोनॉमी) ब्लॉक की रखी गई आधारशिला

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को एम्स भुवनेश्वर में केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया, जो संस्थान की विकास और उत्कृष्टता की यात्रा में एक और अहम पड़ाव था। उन्होंने इस अवसर पर मल्टीयूटिलिटी (गैस्ट्रोनॉमी) ब्लॉक की आधारशिला भी रखी।

अत्याधुनिक केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला सुविधा एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका मकसद अत्याधुनिक चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाना और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह सुविधा डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और विद्वानों को प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवाएं विकसित करने और एम्स भुवनेश्वर को देश के प्रमुख चिकित्सा अनुसंधान केंद्रों की श्रेणी में लाने के लिए तैयार है।

एक ही छत के नीचे ज़रुरी सुविधाएँ

मल्टीयूटिलिटी (गैस्ट्रोनॉमी) ब्लॉक एक आधुनिक बुनियादी ढांचा परियोजना है, जिसे छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और आम जनता की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। यह ब्लॉक एक ही छत के नीचे ज़रुरी सुविधाएँ प्रदान करेगा, जिससे परिसर के भीतर परिचालन दक्षता और सामुदायिक जुड़ाव दोनों में इजाफा होगा।

स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटल परिवर्तन में योगदान देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने एम्स भुवनेश्वर की संशोधित वेबसाइट को भी लॉन्च किया, जो रोगियों और आगंतुकों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल सुविधाओं और एकीकृत सेवाओं से लैस है। वेबसाइट ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती है और संस्थान की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच में सुधार करती है।

स्किन बैंक भी स्थापित किया जाएगा

इस यात्रा के दौरान, नड्डा ने ईएचएस क्लिनिक और अमृत फार्मेसी का भी उद्घाटन किया, जिससे सभी के लिए ज़रुरी स्वास्थ्य सेवाओं और सस्ती दवाओं तक पहुंच और आसान होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही एम्स भुवनेश्वर में एक स्किन बैंक भी स्थापित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री द्वारा बर्न सेंटर का दौरा एक अहम कदम था, जो पूर्वी भारत में अपनी तरह की एक अनूठी सुविधा है, जो पहले से ही गंभीर देखभाल के क्षेत्र में बदलाव ला रही है। उन्होंने ओपीडी फ़ोयर, एकीकृत स्वास्थ्य और कल्याण क्लिनिक, रुमेटोलॉजी और जेरिएट्रिक क्लिनिक, नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में स्वच्छता प्रदर्शनी का भी दौरा किया और स्मृति उपवन में एक पौधा लगाया, जो हरियाली और स्वस्थ भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इस यात्रा का समापन एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के साथ हुआ, जिसमें नड्डा ने वहां जारी विकास परियोजनाओं का मूल्यांकन किया और मेडिकल छात्रों, सफाई कर्मचारियों और कर्मचारियों के साथ सीधे बातचीत की। इस मुलाकात ने स्वास्थ्य सेवा वितरण के प्रति सरकार के समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाया।

नड्डा के साथ एम्स भुवनेश्वर की एक प्रतिष्ठित टीम भी थी, जिसमें एम्स भुवनेश्वर के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) शैलेश कुमार,कार्यकारी निदेशक, प्रो. (डॉ.) आशुतोष विश्वास,डीन (शैक्षणिक) प्रो. (डॉ.) प्रशांत राघब मोहापात्रा,डीन (परीक्षा)प्रो. (डॉ.) सौभाग्य कुमार जेना,डीन (अनुसंधान)प्रो. (डॉ.) सत्यईत मिश्रा,डीडीए, लेफ्टिनेंट कर्नल अभिजीत सरकार,चिकित्सा अधीक्षकडॉ. दिलीप कुमार परिदा और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीश्री रस्मि रंजन सेठी शामिल थे।

इस मौके पर प्रो. (डॉ.) आशुतोष बिस्वास ने ज़ोर देकर कहा कि "केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र में वैज्ञानिक खोज और अनुवादात्मक अनुसंधान के लिए उत्प्रेरक होगी। यह अग्रणी उपचार और बेहतर स्वास्थ्य सेवा परिणामों के लिए नए द्वार खोलेगी।" उन्होंने आगे कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का अटूट समर्थन और मौजूदगी हमें स्वास्थ्य सेवा वितरण और नवाचार में उच्च मानक हासिल करने के लिए प्रेरित करती है।"


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